भारत के विश्वविद्यालय प्रणाली पर कोविड-19 के गहरे और दर्दनाक प्रभाव को देखते हुए टीमलीज एडटेक की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में विश्वविद्यालय के 85 प्रतिशत छात्रों को लर्निग लॉस का सामना करना पड़ा है. कॉलेज जाने वाले छात्रों का मानना है कि उन्हें कोविड के कारण 40 से 60 प्रतिशत लर्निग लॉस का सामना करना पड़ा है. विश्वविद्यालय के लीडर्स का कहना है कि नुकसान 30 से 40 फीसदी तक हुआ है. डिजिटल डिवाइड, सरकारी संस्थानों में धीमा गवर्नेस, पहले से मौजूद क्षमता की कमी, अधिकांश देशों की तुलना में लंबे समय तक लॉकडाउन और कमजोर सामग्री के कारण लर्निग लॉस हुआ है.
कोरोना के चलते 220 मिलियन छात्रों पर पड़ा गंभीर प्रभाव
कोविड -19 महामारी का 220 मिलियन छात्रों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है क्योंकि 175 देशों के विश्वविद्यालयों ने अपने परिसर बंद कर दिए हैं. साथ ही देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. हालांकि उच्च शिक्षा संस्थानों ने ऑनलाइन शिक्षण के साथ व्याख्यानों को अपनाया है लेकिन इन सब ने सीखने की प्रक्रियाएं और परीक्षाओं को प्रभावित किया है.
शिक्षा संस्थानों की कमियों ने 23.8 मिलियन बच्चों और युवाओं को किया प्रभावित
ऑनलाइन शिक्षा की ओर ले जाने वाले बंद संस्थानों ने इक्विटी, ब्रॉडबैंड क्षमता, शैक्षणिक क्षमता, बुनियादी ढांचे आदि के मामले में दूरस्थ वितरण में चुनौतियों का सामना किया. महामारी के कारण आई समस्याओं और शिक्षा संस्थानों की कमियों ने 23.8 मिलियन बच्चों और युवाओं को प्रभावित किया और 63 प्रतिशत लर्निग लॉस देखा गया.