लखनऊ। स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों का एक बहुत बड़ा वर्ग विभिन्न प्रकार के स्कूली वाहनों से स्कूल जाते हैं। यद्यपि इस सम्बन्ध में पूर्व में भी दिशा-निर्देश दिये गये हैं, किन्तु इसके बावजूद कई दुखद घटनायें स्कूली वाहनों में यात्रा करने वाले बच्चों के साथ घटित हो जाती हैं।
पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 ने वाहनो से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाये जाने हेतु समस्त जनपद प्रभारियों को 15 दिवसीय एक अभियान चलाकर निम्नलिखित प्राविधानों का सख्ती से अनुपालन कराये जाने के निर्देश दिये :-
1. प्रत्येक स्कूली वाहन के लिये सक्षम अधिकारी से समुचित परमिट प्राप्त होना चाहिये।
2. प्रत्येक स्कूली वाहन के आगे एवं पीछे नम्बर अवश्य अंकित होना चाहिये।
3. किसी भी स्कूली वाहन में निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों को न बैठाया जाये तथा किसी बच्चे को किसी अन्य की गोद में न बैठने दिया जाये।
4. प्रत्येक स्कूली वाहन में अग्नि सुरक्षा यंत्र एवं पीने योग्य पानी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिये।
5. आवश्यकतानुसार सीट बेल्ट उचित ढंग से लगाया जाये।
6. प्रत्येक स्कूली वाहन पर स्कूल का नाम, टेलीफोन नम्बर तथा चालक का नाम, पता, ड्राइविंग लाइसेन्स नम्बर व मोबाइल नम्बर अवश्य दर्शाया जाये।
7. प्रत्येक स्कूली वाहन पर परिवहन विभाग/पुलिस विभाग के हेल्प लाइन नम्बर अवश्य अंकित किये जायें।
8. ऐसे प्रत्येक वाहन, जिसमे स्कूली बच्चे ले जाये जाते हों, के चालक को उस प्रकार के वाहनों को चलाने की न्यूनतम 05 वर्ष का अनुभव होना चाहिये तथा उसके विरूद्ध पूर्व में कोई यातायात सम्बन्धी अपराध का रिकार्ड नहीं होना चाहिये।
9. ऐसा चालक, जिसका 01 वर्ष में दो बार से अधिक लाल बत्ती के उल्लंघन, अनुचित पार्किंग, ओवरटेकिंग एवं किसी अनधिकृत व्यक्ति को वाहन चलाने की अनुमति देने के सम्बन्ध में चालान हुआ हो अथवा ओवर स्पीडिंग, नशे में वाहन चलाने और खतरनाक ढंग से वाहन चलाने के सम्बन्ध में भा0द0वि0 की धारा 279, 337, 338 एवं 304ए का एक बार भी अभियोग पंजीकृत हुआ हो तो ऐसे चालक को स्कूली वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
10. जब भी स्कूली बच्चों को ले जाने के लिये किसी भाड़े के वाहन को प्रयोग में लाया जायेगा तो उक्त वाहन का स्वामी सम्बन्धित स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को वाहन के चालक एवं अन्य सुसंगत विवरण उपलब्ध करायेगा।
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11. प्रत्येक ऐसे स्कूली वाहन में बच्चों के सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने तथा उनके वाहन में चढ़ने एवं वाहन से उतरने के दौरान एक परिचालक (।जजमदकंदज) उपस्थित रहेगा।
2- उपरोक्त के अतिरिक्त निम्न बिन्दुओं पर भी प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये-
1. प्रत्येक स्कूली वाहन में न्यूनतम 05 किग्रा0 के ए,बी,सी टाइप, जो आईएसआई मार्क से युक्त हो, के 02 थ्पतम म्गजपदहनपेीमते क्रमशः 01 चालक के केबिन में तथा दूसरा आपातकालीन निकास द्वार के पास होना चाहिये तथा ड्राइवर, कन्डक्टर, महिला अटेन्डेन्ट/गार्ड को थ्पतम म्गजपदहनपेीमते चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिये।
2. चालक, कन्डक्टर व अटेन्डेन्ट का चरित्र सत्यापन अवश्य कराया जाना चाहिये।
3. स्कूली वाहन के चालक द्वारा निर्धारित गति से तेज वाहन न चलाया जाये।
4. मोटर अधिनियम की धारा 19(1)एफ के साथ पठित केन्द्रीय मोटर यान नियमावली 1989 के नियम 21 के भाग 25 के अनुसार वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग ऐसा कार्य है, जिससे जनता के लिये न्यूसेन्स या खतरा उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है। अतः स्कूली वाहनों के तौर पर संचालित होने वाले वाहनों के चालकों द्वारा किसी भी दशा में वाहन चलाते समय न तो मोबाइल फोन का प्रयोग किया जाये और न ही कान में ईयरफोन लगाकर वाहन का संचालन किया जाये।
5. यदि उपरोक्तानुसार चालकों द्वारा अनुपालन नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध सक्षम लाइसेन्स प्राधिकारी द्वारा पुष्ट सूचना के आधार पर उनके लाइसेन्स निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
6. कामर्शियल/निजी वाहन अनधिकृत एल0पी0जी0 किट लगाकर संचालित न होने दिया जाये। इस सम्बन्ध में चैकिंग कराकर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
7. उपरोक्त बिन्दुओं के सम्बन्ध में समय-समय पर आकस्मिक रूप से चैकिंग कराकर नियमों से विचलन करने वाले वाहन चालकों/वाहन स्वामियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
8. परिवहन आयुक्त उ0प्र0 के पत्र संख्या 72-इन्फ/2017-13इन्फ/2009-। दिनांक 19.01.2017 (छायाप्रति संलग्न) में स्कूली वाहनों के संचालन के सम्बन्ध में सम्भागीय परिवहन अधिकारियों को विस्तृत निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिस पर जिलाधिकारी से समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।
9. उक्त के अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित किया जाये कि निजी वाहन स्कूल वाहन के रूप में संचालित न हो रहे हों।
अभियान के दौरान जिला प्रशासन, परिवहन विभाग, विद्यालयों के प्रबन्धकों व सिविल सोसाइटी का अपेक्षित सहयोग प्राप्त किया जाये। अभियान के दौरान यह सुनिश्चित किया जाये कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी का उत्पीड़न नहीं किया जाये। अभियान की कार्यवाही विधि सम्मत हो तथा जनसाधारण को कोई असुविधा न हो।
दिनांक 01.05.2018 से चल रहे 15 दिवसीय अभियान में अब तक निम्नानुसार कार्यवाही की गयी है:-
ऽ मेरठ जोन में 3092 वाहन चेक किये गये, जिनमें से 262 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी। कुल 1343 चालकों/परिचालकों के सत्यापन की कार्यवाही की गयी।
ऽ गोरखपुर जोन में कुल 2337 वाहनों को चेक किया गया, जिनमें से 608 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी।
ऽ वाराणसी जोन में कुल 2804 वाहनों को चेक किया, जिनमें से 605 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी।
ऽ इलाहाबाद जोन में कुल 325 वाहनों को चेक किया, जिनमें से 79 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी।
ऽ लखनऊ जोन में विभिन्न स्थानों पर वाहनों को चेक किया और अनियिमित पाये गये 67 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी।
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ऽ कानपुर जोन में कुल 396 वाहनों को चेक किया, जिनमें से 379 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी।
ऽ आगरा जोन में विभिन्न स्थानों पर वाहनों को चेक किया गया और अनियिमित पाये गये 531 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी।
ऽ बरेली जोन में विभिन्न स्थानों पर वाहनों को चेक किया गया और अनियिमित पाये गये 389 वाहनों के विरूद्व कार्यवाही की गयी।
प्रदेश भर में कुल चेकिंग एवं वाहनों के विरूद्व कार्यवाही इस प्रकार रही-
चेक किये गये स्कूली वाहनों की संख्या-6930
चेकिंग के पश्चात जिन वाहनों पर कार्यवाही की गयी उनकी संख्या-4475
समस्त जनपदों में स्कूली वाहनों के चालक/परिचालकों का सत्यापन कराया जा रहा है।