लखनऊ। ‘मैंने अपना मिशन अपने दिल और दिमाग से किया, पैरों से नहीं……फोकस करके अगर कुछ भी किया जाए तो अंततः वह लक्ष्य हासिल हो जाता है।….. अब मेरा लक्ष्य दिसम्बर तक अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराने का है।’ ये कहना दुर्घटनावश अपना एक पैर खो चुकी एवरेस्ट विजेता अरुणिमा सिन्हा ने यहां संगीत नाटक अकादमी परिसर गोमतीनगर में चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले में सम्मानित होने के अवसर पर व्यक्त किए। यहां उन्हें साई दिल्ली के निदेशक राजीव सरीन, साई लखनऊ की अधिशासी निदेशक रचना गोविल, अंतर्राष्ट्रीय रेफरी वाटर स्पोटर््स सुधीर शर्मा, प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया, मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने स्मृतिचिह्न अंगवस्त्र आदि देकर ओलम्पियन सैयद अली, जसपाल सिंह, खेल प्रेमियों व गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सम्मानित किया।
21 मई 2013 पर एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले दिन को सबसे साझा करते हुए पद्मश्री अरुणिमा ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आज के युग में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे लक्ष्य नहीं निर्धारित करते। जीवन में पहले लक्ष्य निर्धारित कीजिए। फिर इस तरह उस तरफ बढ़िए कि ऊपर वाला खुद वह लक्ष्य देने को मजबूर हो जाए। जब आप संघर्ष से जब कुछ हासिल करते हैं तो वो कहानी पूरी दुनिया जानना चाहती है। अपने कटे हुए पैर को मैंने अपना हथियार या यूं कहंे कि अपनी कमज़ोरी को मैंने अपनी ताकत बनाया।
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ थीम पर चल रहे लखनऊ पुस्तक मेले के बारे में प्रदेश की बेटी ने कहा कि जिस दिन किताबों को अपना दोस्त बना लें, उसके बाद फिर किसी की जरूरत नहीं होती। इंटरनेट के इस दौर में किताबों की ओर रुझान कम हो रहा है पर बड़ों को ध्यान देना चाहिए कि बच्चों को बहलाने के लिए मोबाइल नहीं, अच्छी किताबें दें।
सम्मान समारोह के बाद आई केयर इण्डिया के मिशन लीडर अनूप गुप्ता और उक्त अतिथि वक्ताओं की उपस्थिति में खेल विषयों पर परिचर्चा भी चली। पुस्तक मेले का आज पांचवा दिन था। मेले में डायमण्ड बुक्स, स्काॅलिस्टक, वेस्टलैण्ड, प्रकाशन संस्थान, सेण्टर फार साइंस एण्ड इन्वार्यनमेण्ट दिल्ली, पब्लिकेशन डिवीजन, फाउण्टेन इंक ब्राडकास्टिंग एण्ड पब्लिशिंग चेन्नई, ईशा फाउण्डेशन कोयम्बटूर, आईआरएच प्रेस इण्डिया मुम्बई, दि गिडिओन्स इंटरनेषनल, विलायत फाउण्डेशन, विधि बुक्स अहमदाबाद, जय बुक्स मुम्बई, राजा बुक्स, द स्टूडेण्ट बुक सेण्टर, पदम बुक कंपनी साक्षी प्रकाशन आदि के स्टालों पर खरीदार देखे गए। खुशनुमा मौसम में लोगों की अच्छी आमद से हुई और शाम से रात तक खासी भीड़ रही।
आज के कार्यक्रमों की शुरुआत सचिन साधारण के संयोजन, संगमलाल त्रिपाठी भंवर की अध्यक्षता और जगदीप शुक्ल अंचल के संचालन में चले कवि सम्मेलन में केडी शर्मा हाहाकारी स्मृति सम्मान से राजेन्द्र पण्डित व प्रमोद तिवारी स्मृति सम्मान से अशोक पाण्डेय अनहद को सम्मानित किया गया। मुख्यअतिथि महापौर संयुक्ता भाटिया व दूरदर्शन के आत्मप्रकाश मिश्र की उपस्थिति में यहां काव्यपाठ करने वालों में प्रमोद द्विवेदी, धीरज मिश्र, शकुन मिश्र, आलोक मिश्र, दीपक अवस्थी आदि ने काव्यपाठ किया। ज्योति किरन के संयोजन में पर्यावरण विषयों पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में नव्यप्रताप, नील सिन्हा, इशिका सक्सेना, अश्वित, विज्वल सिंह, तनिषा सक्सेना, अनुष्का, क्रान्ति, नीतू रावत, मुस्कान, पूजा व नरगिस इत्यादि बच्चों ने भाग लिया।
अंकुरम शिक्षा महोत्सव के तहत आज जितेश के मंच संचालन में मंच पर यहां के कई सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों ने गीत संगीत नुक्कड़ नाटिकाओं की सुंदर प्रस्तुति करतें हुए संदेश दिए। नारी पीजी कालेज की पूनम कश्यप की तरह अन्य शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने अपनी गायन-नृत्य प्रतिभा दर्शायी। साथ ही ओपन माइक सेशन में युवाओं ने भी अपना हुनर दिखाया।
लेखक से संवाद कार्यक्रम में कथाकार शिवमूर्ति ने बताया कि कथा लेखन के लिए सतत अभ्यास और श्रम बहुत जरूरी है। इनसे पहले रचनाकार दयानन्द पाण्डेय प्रशंसकों और पाठकों के बीच थे। इससे पहले काव्यपाठ का कार्यक्रम भी हुआ।