डीएम के निरीक्षण में खुली प्राथमिक विद्यालय तर्रा की शिक्षा व्यवस्था की पोल – सीएम, राष्ट्रपति का नाम नहीं बता सके बच्चे – डीएम ने अध्यापकों को दिया एक माह में गुणवत्ता सुधार का अल्टीमेटम

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बांदा। मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय, तुर्रा द्वितीय में जिलाधिकारी द्वारा कक्षा-5 के बच्चों को लगभग एक घण्टा पढ़ाया गया। कक्षा-5 के छात्र शिवशंकर, कु. काजल, कु. अनीता, कु. प्रिया एवं कु. गीता से पहाड़ा सुना गया, परन्तु कु. काजल द्वारा 16 का पहाड़ा नही सुना पायी। इसके साथ ही कक्षा-5 के बच्चो से हिन्दी मे ‘‘शाम को जल्द नींद आती है‘‘ लिखवाया गया, परन्तु छात्र शिवशंकर को छोड़कर कोई भी बच्चे शुद्व हिन्दी नही लिख सके। इसके अतिरिक्त बच्चों से सामान्य जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति आदि का नाम पूंछा गया परन्तु बच्चो को इस सम्बन्ध मे कोई जानकारी नही थी।
जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय की पठन-पाठन की स्थिति खराब पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये मौके पर उपस्थित अध्यापको को निर्देशित किया गया कि एक माह के अन्दर बच्चों को मानक के अनुसार पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार लाया जाये। अन्यथा कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। इसके पूर्व जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल द्वारा प्राथमिक विद्यालय, तुर्रा द्वितीय, क्षेत्र नरैनी का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय श्रीमती राजरानी, शिक्षा मित्र अनुपस्थित पाई गई। जिलाधिकारी द्वारा श्रीमती राजरानी शिक्षा मित्र का अनुपस्थिति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण मांगा गया तथा इनका एक दिवस का मानदेय भी रोका गया। प्राथमिक विद्यालय, तुर्रा द्वितीय के निरीक्षण के दौरान शिवपूजन अनुरागी, प्रधानाध्यापक, श्रीमती रागिनी गौर, सहायक अध्यापक, श्रीमती सुधा त्रिपाठी, श्रीमती प्रज्ञा देवी एवं श्रीमती मंजुला देवी शिक्षा मित्र उपस्थित मिलीे। जिलाधिकारी द्वारा छात्र-छात्राओं के उपस्थिति पंजीका का अवलोकन किया गया। विद्यालय में कुल 197 बच्चो के सापेक्ष 118 बच्चे उपस्थित पाए गये।

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