नृत्य कलाकार सपना चौधरी अपना कार्यक्रम रद्द करके टिकट के पैसे वापस नहीं करने के एक मामले में सोमवार को करीब दो घंटे तक हिरासत में रहीं। अदालत ने सपना का गिरफ्तारी वारंट इस शर्त पर खत्म किया कि भविष्य में वह सुनवाई में पेश होकर सहयोग करेंगी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी की अदालत में सपना आज अपने वकील के साथ पेश हुईं, जिस पर उन्हें ‘अदालत की हिरासत’ में ले लिया गया। इस दौरान वह करीब दो घंटे तक हिरासत में रहीं।
अदालत ने सपना का वारंट इस शर्त पर खत्म किया कि वह सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होकर सहयोग करेंगी। इसके बाद सपना अदालत से बाहर चली गईं। सपना ने सोमवार को दाखिल अर्जी में दावा किया कि मामले की सुनवाई पिछली 22 अगस्त को हुई थी लेकिन बीमारी की वजह से ना तो वह खुद और ना ही उनके वकील अदालत में हाजिर हो पाए थे तथा जो भी हुआ वैसा करने की मंशा नहीं थी लिहाजा गिरफ्तारी वारंट को वापस ले लिया जाए।
अदालत ने इसके बाद वारंट वापस ले लिया और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 30 सितंबर नियत की। मामले के मुताबिक, 14 अक्टूबर 2018 को निरीक्षक फिरोज खान ने सपना के खिलाफ आशियाना थाने में मामला दर्ज किया था। मुकदमे के मुताबिक, 13 अक्टूबर को लखनऊ के स्मृति उपवन में सपना चौधरी का कार्यक्रम होना था। इस कार्यक्रम के लिए हजारों टिकट बिके थे। सपना देर रात तक जब शो में नहीं आईं तो भीड़ ने हंगामा शुरू किया और इसके बावजूद आयोजकों ने टिकट के पैसे वापस नहीं किए थे।
इस मामले में कार्यक्रम के आयोजक नवीन शर्मा, अमित पांडे, जुनैद अहमद, रत्नाकर उपाध्याय और इवाद अली भी आरोपी हैं। इस मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर 17 नवंबर 2021 को सपना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। उसके बाद 23 नवंबर को सपना ने वारंट निरस्त करने की गुजारिश की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। उसके बाद गत 10 मई को सपना ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था जिसके बाद उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई थी। पेशी पर दोबारा नहीं आने पर उन्हें नोटिस भेजा गया था। नोटिस के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।