एटा जनपद में तेज तर्रार नवागत डीएम विभा चहल के आने के बाद लगातार जिले के हर विभाग के गड़बड़ झाले पर नजर बनाये हुए है और हर दिन किसी न किसी बिभाग के कार्यालय व गलत तरीके से चल रहे निजी अस्पतालों पर वो आकस्मिक छापा मार देती है जिससे जिले में हड़कम्प मचा हुआ है, वही आज एक क्लीनिक की कई दिनों से डीएम को काफी शिकायतें मिल रही थी तभी आज डीएम ने शहर के जी.टी.रोड पर संचालित क्लीनिक का निरीक्षण कर लिया जहाँ वो डॉक्टर बिना कागजों के ही अवैध तरीके से क्लीनिक चला रहा था जिसमे एक मरीज पर बोतल चढ़ाते हुए एक वियक्ति मिला और डॉक्टर साहब क्लीनिक से गायब मिले, जिसमे एटा डीएम विभा चहल ने डॉक्टर को बुलवाया और उससे अपनी डिग्री के कागज मांगे तो वो कोई कागज ना दिखा सका और तभी डीएम ने तत्काल सीएमओ और एसडीएम सदर को मौके पर बुलाकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले डॉक्टर मनोज भारद्वाज के खिलाफ कार्यवाही करते हुए क्लिनिक को सीज करा दिया है, डीएम की ऐसी सख्त कार्यवाहियों को देखकर जिले में डीएम डॉ0 विभा चहल की काफी प्रशंशा की जा रही है।
ये पूरा मामला एटा शहर के जी.टी.रोड पर संचालित क्लीनिक का है जहां आज एटा जिलाधिकारी डा0 विभा चहल को मिल रही शिकायत पर एक क्लीनिक पर पहुचकर स्थलीय निरीक्षण किया गया उन्होंने उस दौरान पाया कि क्लीनिक पर चिकित्सक डा0 मनोज भारद्वाज उपस्थित नहीं थे एक अन्य व्यक्ति क्लीनिक पर उपस्थित था। जिनके डीएनएस लगाई जा रही थी जो विल्कुल अवैध थी और लोगो की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा था,और मरीज के साथ एक अन्य बालिका भी मौजूद मिली, जानकारी के दौरान मरीज ने बताया कि उसे बुखार है, साथ ही बताया कि मरीज का पर्चा और दी गई दवाओं और पैथॉलजी की रिपोर्ट को चैक किया गया तो पैथोलाॅजी रिपोर्ट देखने पर पाया गया कि अवैध रूप से पैथोलाॅजी संचालित है, जिस पर किसी भी चिकित्सक का नाम अंकित नहीं हैं, मरीज द्वारा बताया गया कि उनका ब्लड सैम्पल क्लीनिक पर ही लिया गया है, जिसके बाद रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। वही जब डीएम साहिबा ने डॉक्टर को बुलवाया तो कुछ देर के बाद डॉक्टर मनोज भारद्वाज उपस्थित हुए, क्लीनिक पर उनके द्वारा कोई भी पंजीकरण संख्या चस्पा नहीं की गई। वे अपनी डिग्री भी नहीं दिखा सके और उनके पास सिर्फ एक प्रोबीजनल सर्टिफिकेट मिला है। और डीएम ने चिकित्सक से पूछताछ के दौरान इलाज के संबंध में चिकित्सक से जानकारी ली गई तो वो कोई भी संतोषजनक जबाव नहीं दे पाए। मरीज को बुखार के बावजूद उसका कोविड टेस्ट नहीं किया गया और सीधे तौर पर उसका इलाज किया जा रहा था। मरीज की केस स्टडी एवं एग्जामिनेशन भी नहीं किया गया, डीएम ने उक्त स्थिति को गंभीरता से लेते हुए क्लीनिक पर अनियमितताएं पाए जाने एवं चिकित्सक द्वारा डिग्री की स्थिति स्पष्ट न किए जाने पर क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से सीज कराने की कार्यवाही की गई है, ऐसी सख्त डीएम की कार्यवाहियों को देखकर जिले में डीएम डॉक्टर विभा चहल की प्रशंशा की जा रही है।
रिपोर्टर आर. बीo. द्विवेदी, एटा यूo पीo