Fear to Fly यात्रियों की संख्या में पिछले साल की तुलना में इस जून 78 फीसद से अधिक गिरावट।…
आगरा, आकाश श्रीवास्तव। हरी झंडी मिलने के बाद भी अनलॉक वन में हवाई जहाज फर्राटा नहीं भर पाए। जून में खेरिया हवाई अड्डे पर सिर्फ 30 यात्री विमान ही उतर सके। जबकि इसी महीने पिछले साल 42 फ्लाइट आईं थीं। यात्रियों की संख्या में तो इससे भी बड़ा अंतर रहा। इस जून में पिछले साल की तुलना में 78 फीसद यात्रियों की गिरावट रही।
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में सड़क, रेल और हवाई सफर पर भी ब्रेक लग गए थे। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद रहीं। जून में अनलॉक वन की शुरुआत होते ही हवाई उड़ानें शुरू हो सकीं। ताजनगरी के लिए भी हवाई मार्ग खुल गया लेकिन यात्री नहीं मिल सके। अंदाजा इसी से लगया जा सकता है कि जून 2019 में 954 यात्री खेरिया हवाई अड्डे पर उतरे थे। जबकि इस साल जून में सिर्फ 206 यात्री ही आए। जोकि 78.4 फीसद की गिरावट रही। पिछले साल अप्रैल से जून के बीच 200 फ्लाइटें आई थीं। इसमें 4504 यात्रियों ने सफर किया। इस साल अप्रैल-मई में तो उड़ानें बंद रही हीं। इस समयावधि में पिछले साल की तुलना में इस साल 85 फीसद उड़ानें कम रहीं। वहीं, इसी समयावधि में इस साल 95.4 फीसद यात्रियों की संख्या में कमी रही। अप्रैल 2019 में 84 फ्लाइटें आई थीं। दरअसल, कोरोना वायरस के डर से लोग हवाई यात्रा करने से भी हिचकिचा रहे हैं।
फैक्ट
30 फ्लाइट आईं जून 2020 में
42 फ्लाइट आईं थीं जून 2019 में
206 यात्री आए जून 2020 में
954 यात्री आए थे जून 2019 में
यात्रियों का ग्राफ गिरने के कारण
. ताजमहल सहित सभी स्मारक बंद चल रहे हैं। पर्यटन शून्य है। ऐसे में पर्यटक नहीं आ रहे।
. आगरा-जयपुर और आगरा-दिल्ली हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले कम ही लोग हैं।
. कोरोना काल में इन दोनों रूटों पर अधिकांश लोग अपने ही वाहन से सफर करने को दे रहे प्राथमिकता।
. लंबे रूट की फ्लाइटें न होने के कारण यात्री रहे कम।
फ्लाइटें भी निरस्त
आगरा-जयपुर रूट पर चलने वाली फ्लाइट में यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए आए दिन फ्लाइट निरस्त हो जाती है। किसी दिन सात तो किसी चार यात्री ही मिलते हैं। ऐसे में फ्लाइट संचालन कंपनी के लिए घाटे का सौदा होने के कारण फ्लाइटें निरस्त करनी पड़ जाती हैं।