लखनऊ। ढाई लाख पेंशनर्स एवं पारिवारिक पेंशनर्स का प्रतिनिधित्व करने वाला फेडरेशन ऑफ एसबीआई पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन तथा 36वीं आम सभा का आयोजन आज एवं कल 31 जुलाई को स्थानीय होटल रेग्नैन्ट में किया गया हैँ, जिसमें देश के सभी 17 मंडलों के प्रतिनिधि माग ले रहे हैं।
इसी कम में आज आयोजित प्रेसवार्ता में फेडरेशन के महासचिव का0 रमेश बाबू ने कहा “हम भारत सरकार तथा माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण, वित्तमंत्री द्वारा पारिवारिक पेंशन की दरों में 30 प्रतिशत की वृद्धि करने हेतु आभार व्यक्त करते हैं, जिसमें केवल भारतीय स्टेट बैंक में ही लगभग 66 हजार तथा पूरे बैंकिंग क्षेत्र में लगभग 1.40 लाख पारिवारिक पेंशनर्स लाभान्वित हुये हैं।”
का० जी.के.गांधी, फेडरेशन अध्यक्ष ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा बैंक कर्मियों और विशेषकर बैंक पेंशनर्स के प्रति सहानुभूति रवैया रखते हुये समय-समय पर बैंकर्स द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की जाती रही है। विशेषकर करोना काल में बैंककर्मियों द्वारा दी गई सेवाओं की, उन्होने कई स्थानों पर प्रशंशभा की। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि बैंक कर्मचारियों की पेंशन भी अन्य सरकारी कर्मचारियों की भांति हर वेतन पुनर्निर्धारण के साथ ही संशोधित की जाए एवं उनकी पेंशन अपडेशन की तर्कसंगत एवं नयायोचित मांग पर अविलम्ब कार्यवाही की जाए तथा बैंक पेंशनरों को चिकित्सा सहायता
हेतु बीमा की राशि का भुगतान भी बैंकों द्वारा किया जाए। पेंशनर्स एसोसियेशन के महासचिव अतुल स्वरूप ने बैंक पेन्शनर्स की समस्याओं को रखा तथा कहा
कि इस सम्बन्ध में हमारी अन्य मांगे इस प्रकार हैं: 0सातवें द्विपक्षीय वेतन समझौते के अंतर्गत पेंशन हेतु भत्तो का पुनर्निर्धारण 0-पारिवारिक पेंशनर्स को चिकित्सीय सुविधायें, 0-विकलांग बच्चों को पेंशन निर्धारण हेतु एक और विकल्प प्रदान किया जाए, 0भारतीय स्टेट बैंक में 40 एवं 50 प्रतिशत पेंशन निर्धारण को समाप्त कर एकरूपता की जाए तथा सभी पेंशनर्स को मूलवेतन का 50 प्रतिशत मूलपेंशन निर्धारण किया जाए, 0वर्ष 2002 से पूर्व के पेंशनर्स को महगाई भत्ते की 100 प्रतिशत की दर से भुगतान, 010वीं द्विपक्षीय वेतन समझौते के अंतर्गत विशेष भत्ते का पेंशन पुनर्निर्धारण में समायोजन
किया जाए, 0कम्यूटेशन फॉर्मूले में सुधार किए जाए | लखनऊ मण्डल पेंशनर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष का0 दिनेश चंद्रा ने प्रेस एवं मीडिया से अनुरोध
किया कि इन मुद्दों को सरकार एवं जनता के समक्ष लाये जो लगभग पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से लम्बित है, जिससे भारत सरकार हमारी उचित मांगों को यथाशीघ्र पूरा करे।