गायत्री परिवार नेे हरि ओम शर्मा हरि को किया सम्मानित, गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट नेे साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ को 77 खण्डो का वांड्मय साहित्य भेंट कर सम्मानित किया

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लखनऊ। उ.प्र. प्रेस क्लब में आयोजित एक भव्य समारोह में सोमवार को साहित्यकार एवं पब्लिक की आवाज के संपादक पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ को वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित 77 खण्डो का वांड्मय साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। यह समारोह गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, लखनऊ के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर शिक्षा, साहित्य, समाजसेवा, पत्रकारिता व प्रशासनिक अधिकारियों की भारी संख्या में उपस्थिति रही जबकि डा. नरेन्द्र देव, उदयभान सिंह भदौरिया, अनिल भटनागर, वीरेन्द्र सक्सेना, पूर्व सूचना आयुक्त, एस.एम.पारी, प्रेसीडेन्ट, मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब, उमेश चन्द्र तिवारी, आई.ए.एस., जे पी तिवारी, अध्यक्ष, उ.प्र. प्रेस क्लब आदि विशिष्ट हस्तियों ने मंचासीन होकर समारोह की गरिमा को बढ़ाया। समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डा. जगदीश गाँधी ने की।
पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ को वांड्मय साहित्य भेंट कर सम्मानित करते हुए गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट के मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी उमानन्द शर्मा ने कहा कि पं. शर्मा अपनी लेखनी के माध्यम से गायत्री परिवार के विचारों को सारे समाज में प्रवाहित कर रहे हैं। पं. शर्मा जी के मार्गदर्शन में समाचार पत्र ‘पब्लिक की आवाज’ सम्पूर्ण समाज में वैचारिक उत्कृष्टता, नैतिक-आध्यात्मिक चिंतन पद्धति, साँस्कृतिक मूल्यों, जीवन मूल्यों एवं संस्कारों व सदाचारों की भावना को जगा रहा है जिससे आने वाली पीढ़ियों को उज्जवल भविष्य मिल सके।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि समाज के पुनरुत्थान हेतु, समाज के नव-जागरण हेतु एवं आने वाली पीढ़ियों के चरित्र निर्माण व संस्कार हेतु पं. शर्मा जैसे विचारकों व साहित्यकारों की नितान्त आवश्यकता है। आपने विगत 40 से अधिक वर्षों में साहित्य, पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है।
इस अवसर पर पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हालांकि कई सम्मान और पुरस्कार मुझे मिले हैं परन्तु पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा लिखित वांड्मय साहित्य प्राप्त कर मैं अभिभूति हूँ। यह सम्मान मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
विदित हो कि पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ के मार्गदर्शन में समाचार पत्र पब्लिक की आवाज के माध्यम से ‘संस्कारों, समाचारों व सद्विचारों’ की त्रिवेणी अबाध रूप से बहती रही है, जिसका मूल उद्देश्य ही पब्लिक के बीच रहकर रचनात्मक खबरों से रूबरू कराने के साथ ही भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन करना, उन्हें जीवन मूल्यों व संस्कारों से जोड़ना एवं अपनी महान सभ्यता व संस्कृति से सतत् रूबरू कराते रहना है। समाजिक व्यवस्था में नई ऊर्जा भरने हेतु संस्कारों, जीवन मूल्यों एवं रचनात्मक विचारों से ओतप्रोत अब तक 15 पुस्तकें लिख चुके हैं एवं उनकी लेखनी अनवरत् गतिमान है। पं. शर्मा के उत्कृष्ट लेखन को देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी सराहा गया है। साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान हेतु पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ को विभिन्न उपाधियों व सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है जिनमें पत्रकार गौरव सम्मान, सागरिका सम्मान, साहित्य मनीषी सम्मान, साहित्य सागर सम्मान, प्रकृति रत्न सम्मान, साहित्य रत्न सम्मान, साहित्य श्री सम्मान, ‘शब्दश्री’ सम्मान, सारस्वत सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, सृजन सम्मान एवं उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा गुलाब राय सर्जना पुरस्कार आदि प्रमुख हैं।

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