लखनऊ,12 अप्रैल 2021 राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने राजभवन के गाँधी सभागार में राज्यपाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई सर्वदलीय बैठक को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना जैसी महामारी के सम्बन्ध में आहूत बैठक में भी समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल को आमंत्रित न करके संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है। दैवीय आपदा से निपटने में सभी दलों के विचार लेकर रणनीति बनाई जानी चाहिए तथा यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी के विचार भी मूल्यवान हो सकते हैं। डा.अहमद ने कहा कि प्रदेश में अनेक छोटे छोटे दल हैं जो महामारी से लड़ने में सरकार के साथ हैं, परन्तु सरकार को भी अपने अन्दर झाँकना होगा और अपनी नाकामियां सुनने के लिए तैयार रहना होगा। विगत 15 दिनों से प्रदेश में कोरोना की रफ्तार भयावह स्थिति की ओर जा रही है और प्रदेश के मुख्यमंत्री बंगाल, असम और तमिलनाडु में चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं, यह भी सोचने का विषय है। कोरोना से लडाघ्ई क्या इसी प्रकार लडीघ् जायेगी। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी को अपनी भूमिका निभाने का राग अलापने वाले बाबा स्वयं अपनी भूमिका भूल गए हैं तथा विपक्ष से अपनी आलोचना न तो सुनना चाहते हैं और न ही आत्म मंथन करना चाहते हैं। केवल घमंड में चूर रहने से प्रदेश का कल्याण सम्भव नहीं है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के सन्दर्भ में राजधानी के सिविल अस्पताल के डा. दीपक का बयान काफी है कि ध्वस्त सिस्टम के कारण वे अपने पिता को न बचा सके।
लखनऊ,12 अप्रैल 2021 राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने राजभवन के गाँधी सभागार में राज्यपाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई सर्वदलीय बैठक को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना जैसी महामारी के सम्बन्ध में आहूत बैठक में भी समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल को आमंत्रित न करके संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है। दैवीय आपदा से निपटने में सभी दलों के विचार लेकर रणनीति बनाई जानी चाहिए तथा यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी के विचार भी मूल्यवान हो सकते हैं। डा.अहमद ने कहा कि प्रदेश में अनेक छोटे छोटे दल हैं जो महामारी से लड़ने में सरकार के साथ हैं, परन्तु सरकार को भी अपने अन्दर झाँकना होगा और अपनी नाकामियां सुनने के लिए तैयार रहना होगा। विगत 15 दिनों से प्रदेश में कोरोना की रफ्तार भयावह स्थिति की ओर जा रही है और प्रदेश के मुख्यमंत्री बंगाल, असम और तमिलनाडु में चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं, यह भी सोचने का विषय है। कोरोना से लडाघ्ई क्या इसी प्रकार लडीघ् जायेगी। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी को अपनी भूमिका निभाने का राग अलापने वाले बाबा स्वयं अपनी भूमिका भूल गए हैं तथा विपक्ष से अपनी आलोचना न तो सुनना चाहते हैं और न ही आत्म मंथन करना चाहते हैं। केवल घमंड में चूर रहने से प्रदेश का कल्याण सम्भव नहीं है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के सन्दर्भ में राजधानी के सिविल अस्पताल के डा. दीपक का बयान काफी है कि ध्वस्त सिस्टम के कारण वे अपने पिता को न बचा सके।