राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर हर कोई भगवान श्री राम की भक्ति में डूबा हुआ है। पूरा विश्व ही श्री राम लला के आगमन में की खुशियां मना रहा है । कहीं पर सुंदरकांड कहीं भागवत, राम कथा और भंडारो का आयोजन हो रहा। इस मौके पर राजधानी लखनऊ के चौंक स्थित पक्का पुल के मरी माता मंदिर में गुड्डन किन्नर द्वारा अपने केशो का दान दिया गया ।इस मौके पर वह बेहद भावुक दिखी। उनके आंखो से लगातार आंसू बह रहे थे और इन आंसुओं में भगवान श्री राम के लिए उनकी आस्था साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। इस विशेष अवसर पर गुड्डन किन्नर ने बताया की हर कोई अपनी अपनी तरीके से श्री राम की भक्ति कर रहा है धन ,दौलत तो हर कोई सेवा कर रहा है। इसलिये उन्होने कहा कि वह भगवान को अपनी सबसे अनमोल चीज अर्पित करना चाहतीं थी। क्योंकि किन्नर समाज में उनके केश बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और अपनी सबसे अनमोल चीज को अपने प्रभु के चरणों में अर्पित करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम की भक्ति तो किन्नर त्रेता युग से कर रहे हैं जब श्री राम को वनवास दिया गया था
तब सभी अयोध्यवासियों उन्हे छोड़ने सरयू नदी के तट तक गए जहां पर भगवान श्री राम की आज्ञा पाकर सभी वापस लौट आए परंतु किन्नरो वहीं रुक कर 14 साल तक भगवान राम की प्रतीक्षा की और जब वनवास काटकर श्री राम अयोध्या में लौटे तब उन्होंने देखा कि वह किन्नर वहीं पर उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस पर भगवान श्री राम ने किन्नरों को यह आशीष प्रदान किया कि कलयुग में उनका आशीर्वाद हमेशा फलित होगा। इसलिए भगवान श्री राम किन्नर समाज के भी सखा है। गुड्डन किन्नर ने कहा कि यह उनकी तरफ से केशो का दान एक छोटी सी कोशिश है जिसको वह अपने प्रभु श्री राम के चरणों में भेंट स्वरूप दे रही है । इसके बाद गुड्डन किन्नर ने हवन किया और संकल्प लिया एवम हवन के उपरान्त उनका नाम अब गुड्डन किन्नर से परिवर्तित होकर गुड्डन पूर्णिमा हो गया है।