हाथरस की बिटिया के साथ दरिंदगी और उसके बाद हुई उसकी मौत को लेकर दिल्ली से हाथरस सहित देश भर में गुस्सा है। लोग गुस्से में हैं। घटना को लेकर धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं और आरोपियों को जल्द सख्त सजा की मांग की जा रही है।
चंदपा क्षेत्र की अनुसूचित जाति की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता बिटिया की मौत की खबर जैसे ही मंगलवार को सुबह यहां लोगों को पता चली तो उनमें गम और गुस्सा देखा गया। लोगों ने हाथरस शहर में कई स्थानों पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया और जुलूस निकाले।
मुख्य रूप से तालाब चौराहे पर जाम लगाया और दो घंटे तक यातायात बाधित रखा। आक्रोशित लोग सड़क पर लेट गए और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर इन लोगों को जैसे-तैसे समझा-बुझाकर शांत कराया और जाम खुलवाया।
मंगलवार की सुबह जैसे ही लोगों को यह पता चला कि बिटिया की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई है तो वाल्मीकि समाज के काफी लोग कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य और अन्य नेताओं की मौजूदगी में तालाब चौराहे पर आ गए। इससे पहले इन लोगों ने शहर में जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। तालाब चौराहे पर आते ही प्रदर्शनकारियों ने बीच सड़क पर बैरियर रख दिए और जाम लगा दिया।
आक्रोशित लोगों ने योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ युवक सड़क पर लेट गए। मौके पर काफी पुलिस बल पहुंच गया। करीब दो घंटे तक इन लोगों ने जाम लगाए रखा और जमकर नारेबाजी की। जाम के चलते काफी वाहन फंसे रहे। हालांकि पुलिस ने इन वाहनों को अन्य रास्ते से बाहर निकलवाया। इस दौरान एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश मीणा वहां पहुंच गए और लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया।
दिल्ली में धरना-प्रदर्शन से जाम
हाथरस सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ित युवती की मौत के बाद दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन के नेतृत्व में इंडियन यूथ कांग्रेस व कांग्रेस की अन्य यूनिटों के नेता व कार्यकर्ताओं ने मंगलवार दोपहर को विजय चौक पर प्रदर्शन किया। नई दिल्ली जिल की संसद मार्ग थाना पुलिस ने कांग्रेसी महिला व पुरूष कार्यकर्ताओं के खिलाफ देर शाम को मामला दर्ज कर लिया।
एफआईआर में दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन समेत 14 महिलाओं को नामजद किया गया है। दो सांसदों ने भी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए विजय चौक पहुंचने की कोशिश की थी, मगर पुलिस उनको पहले ही हिरासत में ले लिया था। इस कारण सांसदो के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है।
सफदरगंज अस्पताल के बाहर भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर कई समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और एक मेडिकल बोर्ड की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की।
कम होने लगा था ऑक्सीजन
सफदरजंग के डॉक्टरों के मुताबिक अचानक ऑक्सीजन कम होने से पीड़िता को बचाना मुश्किल हो गया। उन्होंने बताया कि पीड़िता के साथ काफी नृशंसता की गई थी। उसके हाथ और पैर में फ्रैक्चर था। गले पर भी चोट के गंभीर निशान थे। हालांकि, डॉक्टरों ने जीभ काटने की बात से इनकार किया है।
वक्त पर इलाज मिलता तो बच जाती बेटी
पीड़िता के पिता ने कहा, पहले यूपी और फिर दिल्ली में हमारी बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिला। सोमवार को हम एम्स पहुंचे तो सफदजंग जाने को कहा गया। अगर बेटी को वक्त पर इलाज मिल जाता तो आज वह हमारे पास जिंदा होती। पीड़िता के परिजनों ने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की।