सरकार साल के अंत तक इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरएफसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने पर गौर कर रही है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस निर्गम से सरकार को 500 से 1,000 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं।
कभी भी लाया जा सकता है आईपीओ
आईआरएफसी भारतीय रेलवे की विस्तार योजनाओं के वित्त पोषण के लिये पूंजी बाजार से कोष जुटाती है। अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति सुधरने और निवेशकों खासकर खुदरा क्षेत्र में मांग बेहतर होने के साथ कभी भी आईपीओ लाया जा सकता है। आईआरएफसी ने जनवरी में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 140 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयर के लिये आईपीओ लाने को लेकर विवरण पुस्तिका जमा किया था।
इसके अनुसार, आईपीओ के तहत 140,70,69,000 इक्विटी शेयरों की पेशकश की जाएगी। इनमें 93,80,46,000 इक्विटी शेयर नए इश्यू होंगे। वहीं 46,90,23,000 इक्विटी शेयर बिक्री पेशकश के लिए होंगे।
पांच कंपनियों को सूचीबद्ध करने की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2017 में रेलवे की पांच कंपनियों को सूचीबद्ध करने को मंजूरी दी थी। इनमें से इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, राइट्स लिमिटेड, रेलव विकास निगम लिमिटेड और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) पहले ही सूचीबद्ध हो चुकी हैं।
ये है सरकार का लक्ष्य
आईआरएफसी को साल के अंत तक सूचीबद्ध कराये जाने की संभावना है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें 1.20 लाख करोड़ रुपये सीपीएसई में हिस्सेदारी बिक्री और शेष 90,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों से जुटाये जाने हैं।
आईआरसीटीसी रहा सबसे सफल आईपीओ
आईआरसीटीसी सबसे सफल आईपीओ रहा, जो 109 गुना भरा गया। इसके बाद उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक 100 गुना, सीएसबी बैंक 48 गुना, पॉलिकैब 36 गुना, निओजेन केमिकल्स 29 गुना और इंडियामार्ट इंटरमेश 20 गुना भरा गया।
क्या है आईपीओ ?
जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। मतलब एलआईसी के आईपीओ को सरकार आम लोगों के लिए बाजार में रखेगी। इसके बाद लोग एलआईसी में शेयर के जरिए हिस्सेदारी खरीद सकेंगे