इस्कॉन मंदिर में इस बार ऑनलाइन दर्शन-पूजन की व्यवस्था, पुलिस लाइन में नहीं सजा पंडाल

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  • लखनऊ पुलिस लाइन में स्थित मंदिर में सजी झांकी में हुई पूजा-अर्चना
    मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का किया जा रहा पालन
  • लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। यहां घरों और मंदिरों में कान्हा के जन्म की खुशियां मनाई जा रही हैं। बासमंडी अशोक नगर में स्थित 26 साल पुराने इस्कॉन मंदिर में कोरोना महामारी के नियमों को ध्यान में रखते हुए कृष्ण जन्माष्टमी मनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं। वहीं पुलिस लाइन में पहली बार कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही साधारण तरह से मनाई गई। पुलिस लाइन में बने मंदिर की सजावट हुई और पूजा अर्चना के साथ कृष्ण जन्मोत्सव सम्पन्न कराया गया। शहीदपथ स्थित श्री राधारमण बिहारी इस्कॉन मंदिर में ऑनलाइन दर्शन करने व्यवस्था की गई है।
    1994 में हुए थी पुराने इस्कॉन मंदिर की स्थापना

    अशोक नगर स्थित श्रीश्री गौर राधा कृष्ण पुराने इस्कॉन मंदिर के व्यस्थापक रवि शंकर का कहना है कि 26 साल पहले अप्रैल 1994 में स्वर्गीय श्री श्याम लाल गोविंद जी के माध्यम से हुई थी। वह कृष्ण जी के अनन्य भक्त रहे। हर साल भव्य कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती रही। लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते बेहद सादगी के साथ कार्यक्रम मनाया जा रहा है। यहां फलों के प्रसाद की व्यवस्था की गई है। आज शाम को जूम ऐप पर लोग अभिषेक में भाग ले सकते हैं। जो भक्त मंदिर आएंगे उनके अंदर प्रवेश करने की कोई व्यवस्था नहीं हैं।

    न ही सजा पंडाल, पुलिस लाइन में हुए भजन कीर्तन

    लखनऊ पुलिस लाइन में इस बार मैदान में पंडाल नहीं सजाया गया। कोरोना महामारी की वजह से न ही भव्य कार्यक्रम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी गई गई और न ही कोई भी बड़ा कार्यक्रम किया गया। लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय व जेसीपी कानून व्यवस्था नवीन अरोड़ा ने पुलिस लाइन के मंदिर में सजी झांकी में साधारण तरीके से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई। इस दौरान महिलाओं के द्वारा भजन कीर्तन किए गए।

    इस्कॉन मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था

    शहीद पथ स्थित श्री राधारमण बिहारी इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे। मंदिर के यूट्यूब चैनल और एफबी पेज पर पूजन ऑनलाइन देखे जा सकेंगे। पूजन सुबह चार बजे से शुरू हो जाएगा। रात 10 से 12 तक प्रभु जन्म महाभिषेक चलेगा, 56 भोग लगेंगे और मध्यरात्रि जन्म पर महाआरती होगी। यह मंदिर चार साल पहले स्थापित किया गया था।

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