लखनऊ । उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जनस्वास्थ्य रक्षकों से जुड़ी वर्तमान जानकारियों की व्यावहारिक समीक्षा रिपोर्ट शासन द्वारा माँगे जाने के संकेत सामने आये हैं। ज्ञातव्य है कि विभागीय मंत्री रीता बहुगुणा जोशी द्वारा जनस्वास्थ्य रक्षक बहाली के विषय पर व्यक्तिगत संज्ञान लेते हुए विगत मई माह के तीसरे सप्ताह में अपनी सैद्धांतिक सहमति लिखित रूप में शासन को भेजी जा चुकी है। अॉल इण्डिया कम्युनिटी हेल्थ वर्कर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनीराम सैनी और प्रदेश अध्यक्ष रामशरण झा ने इस विषय पर योगी सरकार की नीति और नीयत पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा है कि जब डेढ़ दशक से अनवरत चल रहे हमारे संगठन के आंदोलन के कारण उत्तर प्रदेश में हजारों जनस्वास्थ्य रक्षकों एवं स्वैच्छिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बहाली के निकट पहुँचने की प्रामाणिक प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है तो कुछ निहित स्वार्थों से संचालित होने वाले छद्म संगठनों द्वारा सरकारी प्रक्रिया में बाधा डालने की नीयत से सरकार को आंदोलन की धमकी दी जा रही है जो बहुत गंभीर विषय है। सैनी ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि इस प्रकार कुकुरमुत्तों की तरह उगने वाले छद्म संगठनों पर कठोर कार्यवाही की जाये जिससे उत्तर प्रदेश में जनस्वास्थ्य रक्षक बहाली संबंधी ऐतिहासिक निर्णय के मार्ग में कोई बाधा न आये। प्रदेश अध्यक्ष रामशरण झा ने बताया कि इस प्रकार के कई छद्म संगठनों ने पूर्व काल में भी निरर्थक याचिकाएं डालकर सरकारी प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया था किंतु हर बार उन्हें विफलता हाथ लगी है। झा ने कहा कि ऐसे संगठनों का मूल आंदोलन से कभी कोई रिश्ता नहीं रहा है।
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