जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर और टैल्कम पाउडर से महिलाओं को हुए कैंसर के लिए कंपनी को 14,500 करोड़ रुपये का मुआवजा देना ही होगा। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के आदेश पर फिर सुनवाई करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। कंपनी ने क्षतिपूर्ति का आदेश पर फिर से विचार करने के लिए निवेदन किया था।
यह क्षतिपूर्ति उन महिलाओं को दी जानी है, जिन्हें जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर व इससे संबंधित उत्पादों के इस्तेमाल के बाद से कैंसर हो गया था। कंपनी का कहना था कि मिसौरी की निचली अदालत में सुनवाई के दौरान उसे अपना पक्ष ठीक से रखने का मौका नहीं मिला।
निचली अदालत ने पहले 400 करोड़ डॉलर क्षतिपूर्ति तय की थी। हालांकि हाईकोर्ट में अपील के बाद इसे आधा कर दिया था। जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर में मिला इसे इस्तेमाल करने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए घातक माना जाता है। मुकदमे के अनुसार महिलाओं की कैंसर से मौत हो गई थी मौजूदा मामले में 22 महिलाओं ने मुकदमा किया था।
संदेश : कितने भी अमीर शक्तिशाली हों, बचेंगे नहीं
इस मुकदमे में पीड़ित महिलाओं के वकील मार्क लेनियर ने सुप्रीम कोर्ट के रुख को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कोर्ट का निर्णय संदेश देता है कि आप चाहे जितने भी अमीर हों, शक्तिशाली हों, अगर लोगों को नुकसान पहुंचाएंगे तो, कानून के समक्ष सभी को समान मानने वाली देश की व्यवस्था आपको जरूर दोषी ठहराएगी।
अमेरिका और कनाडा में बिक्री भी बंद
जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर को सुरक्षित बताता रहा। लेकिन, बाद में अमेरिका और कनाडा में घटी मांग व बाजार में व्याप्त बुरी धारणा को वजह बताकर पाउडर की बिक्री बंद भी कर दी थी।
9000 से ज्यादा ऐसे ही मुकदमे है कंपनी खिलाफ
अमेरिका स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ यह मुकदमा दायर करने वाली 22 महिलाओं में से पांच मिसौरी की रहने वाली हैं, 17 अन्य राज्यों की। जॉनसन एंड जॉनसन पूरे अमेरिका में इन मुकदमों का सामना कर रहा है। इसके उत्पादों के द्वारा गर्भाशय का कैंसर होने का दावा करने वाली महिलाओं द्वारा 9000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
ऐसे ही एक मामले में पिछले साल वर्जिनिया में कंपनी को लगभग 73 करोड़ रुपये (एक करोड़ डॉलर) का हर्जाना देना पड़ा था। इससे पहले 2016 में भी कंपनियों कैंसर के मरीज को इसी तरह की समस्या होने के चलते 375 करोड़ रुपये (5.5 करोड़ डॉलर) का हर्जाना भरना पड़ा था।