अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2018) का आठवाँ दिन,
कामेडियन दीपू श्रीवास्तव, अभिनेता मुकेश खन्ना एवं बाल कलाकार रिया शुक्ला ने बाँधा समाँ
लखनऊ, सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहे 10वें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2018) के आठवें दिन का भव्य उद्घाटन आज बड़े ही उल्लासपूर्ण माहौल में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे लखनऊ विश्वविद्यालय के वाइस-चांसलर प्रो. एस. पी. सिंह ने दीप प्रज्वलित कर आई.सी.एफ.एफ.-2018 के आठवें दिन का विधिवत् शुभारम्भ किया जबकि कामेडियन दीपू श्रीवास्तव, अभिनेता मुकेश खन्ना एवं बाल कलाकार रिया शुक्ला की उपस्थिति ने बाल फिल्मोत्सव की रौनक में चार चाँद लगा दिये। सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में शैक्षिक फिल्मों से प्रेरणा ग्रहण करने पधारे हजारों छात्रों ने तालियां बजाकर फिल्म जगत की इन प्रख्यात हस्तियों का भरपूर स्वागत किया। विदित हो कि छात्रों एवं युवा पीढ़ी के चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास हेतु सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का आयोजन 5 से 13 अप्रैल तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 94 देशों की बेहतरीन शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क दिखाई जा रही हैं।
बाल फिल्मोत्सव में छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. एस. पी. सिंह, वाइस-चांसलर, लखनऊ विश्वविद्यालय ने कहा कि सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का कारगर तरीका है। जीवन के जिन नैतिक सिद्वान्तो के बारे में हम बच्चों को बताते हैं, उन्हें बाल फिल्मों के माध्यम से जीवन्त रूप से बच्चों को दिखाना बहुत ही प्रेरणादायी है। इनमें जीवन के विविध आयाम समाये हुए हैं जो छात्रों को सही व गलत का चुनाव करने की योग्यता प्रदान करेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव की खास बात यह रही कि बच्चों के साथ ही उनके अभिभावक और शिक्षक भी इस फिल्म फेस्टिवल से काफी प्रभावित दिखे। अभिभावकों ने खुले दिल से इस बात को स्वीकारा कि यह बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का बड़ा ही सीधा व सरल तरीका है। इन बाल फिल्मों में सभी धर्मों की एकता, मानव मात्र की एकता, ईश्वरीय भक्ति, सच्चाई की जीत, प्रार्थना की शक्ति, आत्मविश्वास इत्यादि अनेक गुणों पर प्रकाश डाला गया है। चूँकि इन फिल्मों में कोई शुल्क नहीं है अतः सभी गरीब व अमीर बच्चें एक साथ मिल-बैठकर इन फिल्मों का आनन्द ले सकते हैं, इससे बच्चों में आपसी भाईचारा, प्रेम व एकता की भावना भी विकसित होती है। इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव में छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों के साथ ही गरीब, अनाथ व पिछड़े तबके के बच्चों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
आई.सी.एफ.एफ.-2018 के आठवें दिन का शुभारम्भ अहमद एच. शेख द्वारा निर्देशित बाल फिल्म ‘अनोखा पिटारा’ से हुआ। इसके अलावा सी.एम.एस. कानपुर रोड के मेन आॅडिटोरियम के अलावा अन्य सात मिनी आडिटोरियम में भी देश-विदेश की अनेक फिल्मों का प्रदर्शन हुआ, जिनमें थिंक एआउट इट अगेन, सांग आॅफ हैण्डस, रन रन एज फास्ट एज यू कैन, नाट डैडी, गुलीवर्स ट्रेवल्स, गोल्डन आॅवर, मास्टर आॅफ द क्लास, समवन गुड विल फाइन्ड यू, द बुलफाइटर, बाल हनुमान, आॅवर लैण्ड, टेनिस बडीज, हाफ बेक्ड, विजिटिंग चार्ली आदि प्रमुख हैं। विभिन्न देशों की अलग-अलग भाषाओं में बनी फिल्मों को अंग्रेजी व हिन्दी अनुवाद भी फिल्म के साथ-साथ ही चलता रहता है जिससे बच्चे आसानी से फिल्म के कथानक को समझ सकें। बाल फिल्मोत्सव में आज लखनऊ के 21 स्कूलों से पधारे 12,000 से अधिक बच्चों ने शिक्षाप्रद व प्रेरणादायी बाल फिल्मों का आनन्द उठाया।
बाल फिल्मोत्सव में पधारे कामेडियन श्री दीपू श्रीवास्तव, अभिनेता मुकेश खन्ना एवं बाल कलाकार रिया शुक्ला ने आज अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मुलाकात की और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए फिल्म अभिनेता मुकेश खन्ना ने कहा कि हर चीज किताबों से या घर पर नहीं सीखी जा सकती, किन्तु इस महोत्सव में बच्चों को विभिन्न देशों की जो शिक्षात्मक बाल फिल्में देखने को मिल रही है, इनमें जीवन के विविध आयाम समाये हुए हैं जो छात्रों को सही व गलत का चुनाव करने की योग्यता प्रदान करेंगे। कामेडियन दीपू श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों के भविष्य बनाने के लिए सी.एम.एस. का यह ‘चिल्ड्रेन्स फिल्म फेस्टिवल’ एक अनूठा प्रयास है। मुझे प्रसन्नता है कि इस प्रेरणादायी महोत्सव में पूरे विश्व की एक से बढ़कर एक शिक्षात्मक फिल्में दिखाई जा रही हैं जो बच्चों की मानसिकता को सकारात्मक ऊर्जा से भर रही हैं। बाल कलाकार रिया शुक्ला ने भी पत्रकार वार्ता में अपने विचार रखे।
फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन व प्रख्यात शिक्षाविद डा. जगदीश गाँधी, संस्थापक, सी.एम.एस. ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है जो छात्रों को एवं खासकर युवा पीढ़ी को चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास की प्रेरणा दे रहा है। सी.एम.एस. ने गंदी फिल्मों को कोसने के स्थान पर अच्छी फिल्में निःशुल्क दिखाने का साहसिक बीड़ा उठाकर समाज के समक्ष इस मुहावरे को सार्थक किया है कि अन्धकार को क्यों धिक्कारे अच्छा एक दीप जलाये।
फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर श्री वी. कुरियन ने बताया कि बाल फिल्मों का यह अनूठा आयोजन सफलता के चरम सोपान को छूता हुआ अब समापन की ओर अग्रसर हो रहा है और शैक्षिक बाल फिल्मों का यह दौर कल 13 अप्रैल को सम्पन्न हो जायेगा। अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के नवें व अन्तिम दिन का उद्घाटन कल 13 अप्रैल, शुक्रवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में होगा। ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे जबकि बाल कलाकार रूद्र सोनी, देव जोशी एवं अमय पाण्डया भी छात्रों के उत्साहवर्धन हेतु उपस्थित रहेंगे।