भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या को लंदन हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सोमवार को लंदन हाईकोर्ट के इन्सॉल्वेंसी एंड कंपनीज कोर्ट ने विजय माल्या को दिवालिया घोषित किया. इन्सॉल्वेंसी एंड कंपनीज कोर्ट (ICC) कोर्ट के प्रमुख जज Briggs ने कहा कि सबूतों के आधार पर इस बात की संभावना नहीं दिखाई दे रही है कि विजय माल्या वापस भारत जाएंगे और वहां ट्रायल का सामना करेंगे.
इस सुनवाई के बाद विजय माल्या ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने सरकारी बैंकों के कहने पर 6200 करोड़ के लोन के बदले मेरी 14 हजार करोड़ की संपत्ति अटैच (कुर्क) की है. बैंकों का कुल बकाया 9 हजार करोड़ का है, ऐसे में वे अपने पास सिक्यॉरिटी के लिए 5 हजार करोड़ की संपत्ति रखे हैं
बैंकों की मांग है कि मुझे दिवालिया घोषित कर दिया जाए, क्योंकि उन्हें यह राशि ED को वापस करनी होगी. Incredible के साथ उन्होंने अपने ट्वीट को समाप्त किया.
बैंक्रप्सी ट्रस्टी को सौंपना होगा सबकुछ
UB ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या भारत प्रत्यर्पण को लेकर सभी कोर्ट बैटल मई 2020 में ही हार चुके हैं. एक साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन वे अभी तक भारत नहीं लौटे हैं. लंदन कोर्ट द्वारा दिवालिया घोषित किए जाने के बाद अब उन्हें अपनी सारी संपत्ति, क्रेडिट कार्ड्स, बैंक अकाउंट बैंक्रप्सी ट्रस्टी को सौंपना होगा. यह ट्रस्टी अब फैसला करेगा कि उनके पास कितना असेट है और उनकी लाएबिलिटी यानी देनदारी कितनी है. यह ऐनालिसिस करने के बाद बैंकों और अन्य क्रेडिटर्स को उनकी संपत्ति बेचकर बकाए का भुगतान किया जाएगा.
50 हजार से ज्यादा लोन लेने में होगी दिक्कत
विजय माल्या का सभी बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा. वे अब किसी कंपनी के डायरेक्टर नहीं बन सकते हैं और ना ही किसी नई कंपनी का गठन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें कोर्ट के परमिशन की जरूरत होगी. इसके अलावा 500 पाउंड (50 हजार रुपए ) से ज्यादा लोन के लिए भी उन्हें यह बताना होगा कि मैं दिवालिया घोषित किया जा चुका हूं. कोर्ट के आदेश के बाद विजय माल्या का नाम इंडिविजुअल इन्सॉल्वेंसी रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा. इस रजिस्टर में लक्ष्मी मित्तल के भाई प्रमोद मित्तल का नाम भी शामिल है.