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कोरोना वायरस एक के बाद एक म्यूटेशन के साथ और खतरनाक होता जा रहा है। देश में कोरोना की दूसरी लहर का मुख्य कारक माना जा रहा डेल्टा वेरिएंट अब K417N म्यूटेशन के साथ ‘डेल्टा प्लस वैरिएंट’ में बदल गया है। अब तक के अध्ययनों में स्वाभाविक रूप से डेल्टा प्लस वैरिएंट को कहीं ज्यादा संक्रामक और खतरनाक बताया गया है। कई रिपोर्टस में यहां तक दावा किया जा रहा है कि देश में आने वाली संभावित तीसरी लहर इसी डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण आ सकती है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट की प्रकृति को देखते हुए हाल ही में सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित कर दिया है। सरकार ने एक बयान में बताया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी प्रभावी हैं इसपर अध्ययन किया जा रहा है। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर आई अब तक की रिपोर्टस का निष्कर्ष देखें तो यह वेरिएंट ज्यादा खतरनाक और चिंताजनक माना जा रहा है।
डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है?
डॉ अनुराग बताते हैं, सार्स-सीओवी-2 वायरस में हुए एक नए म्यूटेशन को डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) नाम दिया गया है। इस तरह के म्यूटेशन वायरस के स्पाइक प्रोटीन होते हैं जो उसे और अधिक संक्रामक बनाते हैं। यह अब तक दुनिया भर के 80 देशों में फैल चुका है। भारत के बाद अब यह ब्रिटेन, अमेरिका के कुछ राज्यों, सिंगापुर और दक्षिणी चीन में तेजी से फैल रहा है। डेल्टा वैरिएंट में K417N म्यूटेशन ने इसे डेल्टा प्लस के रूप में परिवर्तित कर दिया है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट से ऐसे स्थान फिलहाल सुरक्षित
डॉ अनुराग कहते हैं, जिन स्थानों पर पहले डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण हो चुका है, वहां फिलहाल डेल्टा प्लस वैरिएंट का ज्यादा प्रभाव नहीं होने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण डेल्टा वैरिएंट संक्रमण के दौरान शरीर में बनी एंटीबॉडीज हैं। ऐसे स्थानों पर तत्काल खतरा होने की आशंका बहुत कम दिखती है। देश में डेल्टा प्लस के मामले फिलहाल बहुत तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं जो कि इस बात की काफी हद तक पुष्टि करते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार इसपर कड़ी नजर रखे हुए हैं क्योंकि स्वाभाविक रूप से तो डेल्टा प्लस वैरिएंट खतरनाक है ही
तीसरी लहर कब आएगी?
डॉ अग्रवाल कहते हैं, इस समय लोग यही जानना चाह रहे हैं कि क्या कोरोना की तीसरी लहर आएगी, अगर आएगी तो कब? इस बारे में इतना कहा जा सकता है कि यह इतनी जल्दी नहीं आएगी। दूसरी लहर के मुख्य कारण के रूप में डेल्टा वेरिएंट को माना गया है, ऐसे में यह भी निश्चित है कि इस दौरान संक्रमित हुए लोगों में इसके खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा होगी। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर तीसरी लहर का कोई गंभीर असर होगा, फिलहाल इसकी आशंका कम है। हां अगर इस बीच में सुरक्षात्मक उपायों को लेकर लापरवाही बरती गई, तो इसके शीघ्र आने की आशंका भी हो सकती है।
कोरोना के नए वैरिएंट्स पर कितने असरदार हैं टीके?
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर टीके के प्रभाव को लेकर डॉ अग्रवाल कहते हैं, देश में टीकाकरण की रफ्तार तेज कर दी गई है। कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने की दिशा में काम किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के कारण कोरोना की तीसरी लहर का आकार छोटा जरूर होगा। इस संक्रमण से बचाव के लिए हमारे पास एक ही मजबूत हथियार है वैक्सीन, जिन लोगों ने अब तक टीकाकरण नहीं कराया है उन्हें इसे जल्द से जल्द प्राप्त करना चाहिए। उचित सावधानी बरतने के साथ और टीकाकरण को बढ़ावा देकर कोरोना की तीसरी लहर और डेल्टा प्लस जैसे वैरिएंट से आसानी से मुकाबला किया जा सकता है।