आठ पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले विकास दुबे के 36 घंटे से अधिक समय से पकड़ से बाहर होने से प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार और अपनी साख बचाने के लिए हर संभव जतन में जुटे हैं।
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री विकास दुबे से जुड़े सभी पार्टियों के नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों के नाम की लिस्ट तैयार करवा रहे हैं। इस काम में खुफिया विभाग के साथ ही कई प्रमुख लोगों को लगाया गया है। भाजपा के जिन लोगों के संबंध विकास दुबे से बताए जा रहे हैं, उन सभी से संबंधों के बारे में पूरा ब्यौरा देने को कहा गया है।
यह सब बहुत गोपनीय तरीके से चल रहा है। पता चला है कि जिन नेताओं पर शक की सुई घूम रही है, उन्हें स्वयं उपस्थित होकर मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखने को कहा गया है। इस घटना के बाद सरकार के एक मंत्री के साथ वायरल हो रही विकास दुबे की फोटो को लेकर भी योगी सरकार छानबीन कर रही है।
बताया जा रहा है कि ऐसे लोगों से भी संगठन और सरकार के स्तर पर पूछताछ होगी। सरकार के साथ-साथ अब भाजपा संगठन के उच्च पदाधिकारी भी पार्टी और सरकार की साख बचाने की इस मुहिम में शामिल हो गए हैं। तय किया गया है कि लोगों में पार्टी और सरकार की छवि अच्छी बनाने के लिए किसी को भी बेनकाब करने से सरकार पीछे नहीं हटेगी।
चाहे वे पार्टी और सरकार का हिस्सा ही क्यों ना हों। चर्चा तो यहां तक है कि विकास दुबे को शह देने वाले और उनसे नफरत करने वालों के दो गुट तैयार हो गए हैं। एक गुट अपनी सफाई देने की तैयारी में जुटा है तो दूसरा गुट सामने वाले को बेनकाब करने में लग गया है।
सूत्रों से पता चला है कि दोनों गुटों के लोग बारी- बारी से मुख्यमंत्री और संगठन के उच्च पदाधिकारियों के सामने उपस्थित होकर अपनी बात रखेंगे। मुख्यमंत्री के तेवर देखते हुए यह साफ लग रहा है कि विकास दुबे को प्रश्रय देने वाले ऐसे कई चेहरों से जल्दी नकाब उठेगा।