कुमारी इन्द्रा सक्सेना द्वारा महिला दिवस के अवसर पर
नारी पर कविता
नारी को न सताइये,
नारी सुख की खान,
नारी से नर होत है।
राम-भरत समान |
कुमारी इन्द्रा सक्सेना
(पुत्री स्व0 हरी बाबू सक्सेना)
म0नं0 एम0एम0 210, सेक्टर डी 1,
एल0डी0ए0 कॉलोनी, कानपुर रोड,
लखनऊ, उ0प्र0