सामाजिक कार्यकर्ता कविता शुक्ला की टीम लोहिया हॉस्पिटल में पर पहूंची थी, जब वह लोग इमरजेंसी वार्ड की पार्किंग पहुचे तो वहां के सिक्योरिटी में मौजूद एक बंदे ने कहा की हॉस्पिटल में खाना बाटना मना है जबकि सामाजिक कार्यकर्ता लोहिया एवम उसके दूसरे एरिया में महीने भर से खाना बाट रहे थे। वो कह रहे थे की रोज़-रोज़ खाना बाट कर हमारा बिज़नेस खराब कर रहे है। ये लोग वहां मौजूद सिक्योरिटी ने टीम के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया और जब उन्होंने कहा कि डॉ आयुष जो कि कोविड इंचार्ज है उन्होंने मना किया है की सरकार का आदेश है कि हॉस्पिटल में खाना नही बटेगा. जब उनकी टीम ने उनसे सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि टीम को खाना बाटने के लिए माना किया है .जब उनकी टीम ने वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश की तो सिक्योरिटी ने फ़ोन ले कर वीडियो डिलीट कर के उनका फ़ोन पटक दिया। फ़ोन पर उच्च अधिकारी पहले उनका खाना बाटने पर अप्पति कर रहे थे परंतु अपना विस्तृत परिचय देने पर कहने लगे के सरकार का ऐसा कोई आर्डर नही है. टीम जल्द ही लोहिया हॉस्पिटल के उच्च अधिकारियों से मिल कर अपनी अप्पति दर्ज करवाएगी.
पता चला है कि उस कर्मचारी का नाम मोंटी है और वो वहां का सुपरवाइजर है।