लखनऊ का प्रथम वृहद पाश्चात्य शाष्त्रीय संगीत समारोह

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लखनऊ, हालाँकि नवाबों के इस शहर लखनऊ को अपने संगीत की साँस्कृतिक परम्परा पर गर्व है, और अब इसी कड़ी में अदब व तहजीब का यह शहर एक वृहद पाश्चात्य शाष्त्रीय संगीत की लाजवाब एवं आत्ममुग्ध कर देने वाली कला से रूबरू होने वाला है। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की मेजबानी में आगामी 20 अप्रैल, शनिवार को एक वृहद पाश्चात्य शाष्त्रीय संगीत समारोह का आयोजन सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में
सायं 6.00 बजे से किया जा रहा है, जिसमें 16 देशों तथा 13 भारतीय प्रदेशों के 168 संगीतज्ञ एक साथ कार्यक्रम की प्रस्तुति करने जा रहे हैं।
इस पाश्चात्य शाष्त्रीय संगीत समारोह में प्रख्यात संगीतज्ञ विजय उपाध्याय के नेतृत्व में वियना यूनिवर्सिटी फिलहारमोनिक आर्केस्ट्रा, इण्डिया नेशनल यूथ आर्केस्ट्रा एवं क्वायर एवं डोमिनिकन रिपब्लिक के संगीतज्ञ सामूहिक रूप से चुनिन्दा प्रेरणादायी प्रस्तुतियाँ देंगे, जिनमें बोरोडिन के पोलोवेत्सियन नृत्य, शाइकोवस्की नटक्रैकर बैले एवं ग्रीग के पेयर जिन्ट आदि प्रमुख हैं। समारोह का विशेष आकर्षण श्री विजय उपाध्याय के संगीत निर्देशन में तैयार किया गया भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत का मिश्रण ‘सन्मति’ है, जो कि महात्मा गाँधी के प्रिय भजनों ‘रघुपति राघव’ एवं ‘वैष्णव जन तो’ पर आधारित है और पहली बार इस लाजबाब गीत-संगीत का प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है। यह संगीत प्रस्तुति इस बात को स्पष्ट रूप से रेखांकित करती है कि संगीत लोगों के बीच की दूरियों को मिटाकर एकता से सूत्र में पिरोने का सशक्त माध्यम है। पाश्चात्य संगीत का यह समारोह सी.एम.एस. की मेजबानी में आयोजित किया जा रहा है, जो ‘जय जगत’ अर्थात ‘समस्त मानवता का कल्याण हो’ की विचारधारा पर आधारित है। इस समारोह में सी.एम.एस. के 80 शिक्षक एवं छात्र भी इण्डियन नेशनल यूथ क्वायर के रूप में प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस संगीत समारोह का उद्घाटन प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित द्वारा किया जायेगा जबकि आस्ट्रिया एवं लक्जमबर्ग के राजदूत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में गरिमामय उपस्थिति दर्ज करायेंगे। इसके अलावा, सी.एम.एस. के छात्रों व शिक्षकों के अलावा बड़ी संख्या में लखनऊ के प्रबुद्ध नागरिक इस अवसर पर उपस्थित होंगे। इस समारोह को ए.बी.आर.एस.एम., आस्ट्रियल कल्चरल फोरम, फर्टाडोस एवं जसुभाई फाउण्डेशन का समर्थन प्राप्त है।
इस संगीत समारोह के प्रतिभागी संगीतज्ञों में आस्ट्रिया, बुल्गारिया, चीन, डोमिनिकन गणराज्य, फ्रांस, जार्जिया, जर्मनी, ईरान, इटली, लक्जमबर्ग, रोमानिया, रूस, स्लोवेनिया, स्विटजरलैंड, ब्रिटेन एवं भारत के संगीतज्ञ शामिल हैं। इसके साथ ही, वायलिन, वायलास, चेलोज, डबल बेस, हार्प, बांसुरी, फ्रेन्च हार्न, ओब्स, क्लैरिनेट, ट्राम्बोन, ट्रम्पेट, टुबास, ड्रम, टिम्पनी आदि वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जायेगा।

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