लखनऊ में फिर सख्ती का दौर, तीन दिन में बनाए 50 कंटेनमेंट जोन

0
116


राजधानी लखनऊ में संक्रमण की दर कम करने के लिए नई रणनीति बनाई गई है। संवेदनशील इलाके में अब किसी परिवार में दो कोरोना मरीज आने अथवा किसी सदस्य के दोबारा संक्रमित होने पर उसे कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है।
जबकि तीन से अधिक मरीज मिलने पर इलाके की बैरिकेडिंग के निर्देश हैं। वहीं, पांच से अधिक संक्रमित मिले तो संबंधित गली को बंद करने का फैसला किया गया है।
यहां पुलिस की कड़ी निगरानी भी रहेगी। राजधानी में तीन दिन के अंदर करीब 50 कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। राजधानी में कोरोना संक्रमण की दर अन्य जिलों की अपेक्षा बढ़ी हुई है।
यहां दिसंबर में औसतन 2.5 फीसदी संक्रमण की दर रही है। जनवरी के तीन दिन में संक्रमण की दर 1.9 फीसदी रही है।
सूत्र बताते हैं कि 31 दिसंबर को हुई उच्च स्तरीय बैठक में जिले के आला अफसरों की काफी किरकिरी हुई।
इसके बाद जनवरी में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की सैंपल दर घटाकर करीब 7000 कर दी गई तो नए सिरे से माइक्रो कंटेनमेंट जोन तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और पुलिस को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी दी गई है।
इन इलाकों पर विशेष फोकस
कानपुर रोड की मानसरोवर कॉलोनी, अलीगंज, चिनहट, इंदिरा नगर पर विशेष फोकस किया जा रहा है। पांच से अधिक मरीज मिलने पर संबंधित परिवार और अगल-बगल के लोगों को बाहर निकलने से रोका जा रहा है। उन्हें जरूरत की रोजमर्रा की वस्तुएं उपलब्ध कराने वालों की सूची भी सौंपी जा रही है।
जितने अधिक मरीज, उतनी ही बढ़ेगी चौकसी
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जहां ज्यादा मरीज हों, वहां चौकसी उतनी ही अधिक हो। यदि एक परिवार में एक व्यक्ति पॉजिटिव है तो घर के सामने बैरिकेडिंग कर स्टीकर चिपकाया का रहा है। यदि दो या इससे अधिक पॉजिटिव है तो गली के लोगों को भी आगाह किया जा रहा है। यदि दो-तीन लोग अलग-अलग घर में पॉजिटिव हैं तो गली को बंद कर दिया जा रहा है। यदि पांच से अधिक पॉजिटिव हैं तो संबंधित गली को बंद कर निगरानी के लिए पुलिसकर्मी लगाए जा रहे हैं। यदि अगल-बगल की गलियों में कई मरीज हैं तो संबंधित इलाके में पुलिस की निगरानी के साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण, साफ सफाई और जागरूकता अभियान सहित अन्य गतिविधियां चलाई जाएंगी।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का बढ़ेगा दायरा
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रभारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि चेतावनी के बावजूद पॉजिटिव मरीज घर से बाहर निकल रहे थे। सर्वे के दौरान यह बात सामने आई कि वायरस की चपेट में रहने वाले लोग होम आइसोलेशन में होने के बाद भी कई बार बाजार निकल जाते थे। इसके चलते ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन की रणनीति अपनाई गई। जिस भी गली में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं वहां टीम निगरानी करेगी। रूटीन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के साथ ही जहां ज्यादा मरीज मिल रहे हैं वहां हर दिन हर परिवार का सर्वे किया जा रहा है।
निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की
सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि नई व्यवस्था में संवेदनशील इलाकों को शामिल किया गया है। स्वास्थ्य विभाग कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग सहित अन्य गतिविधियां चला रहा है। निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन के लोगों को सौंपी गई है। प्रयास है कि संक्रमित लोग घर में रहें। ताकि दूसरों में संक्रमण न पहुंचने पाए।
सख्ती करने के हैं निर्देश
नोडल प्रभारी कोविड व एडीएम पूर्वी, केपी सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जहां तीन से ज्यादा केस थे, वहां बैरिकेडिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं अन्य अन्य स्थानों पर भी सख्ती करने और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा गया है।
मेरठ का वीडियो वायरल, नए स्ट्रेन की फैली अफवाह
रविवार शाम कोरोना के नए स्ट्रेन के दो मरीज मिलने व कंटेनमेंट जोन घोषित करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इससे लोग दहशत में आ गए। जबकि इसकी हकीकत परखी गई तो यह वीडियो मेरठ के मानसरोवर मोहल्ले का निकला। इसकी पुष्टि वहां तैनात सीओ अमित राय ने की। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने भी इसका खंडन किया और बताया कि कंटेनमेंट जोन में गतिविधियां बढ़ाई गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here