CAA जांच के बाद दोषी मिले 57 उपद्रवियों से 156 करोड़ रुपयों की वसूली के लिए जारी हुआ था आरसी। दर्जनभर संपत्तियां प्रशासन पहले ही कर चुका है सीज। …
लखनऊ। राज्य सरकार द्वारा संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन के बाद उपद्रवियों से निपटने मेें और मजबूती मिलेगी। राजधानी में प्रशासन पहले से ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंंचाने के मामले में आरोपितों से वसूली की तैयारी कर रहा है। 57 लोगों से करीब 1,56 करोड़ रुपयों की वसूली होनी है। प्रशासन ने आगे बढ़ते हुए दर्जनभर संपत्तियों को सीज भी कर दिया है और अब तहसील स्तर पर नीलामी के लिए प्रक्रिया तय हो रही है।
19 दिसंबर को हुई थी हिंंसा
राजधानी में 19 दिसंबर को केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर विभिन्न पाॢटयों के समर्थकों ने ङ्क्षहसा की थी। इसमें कैसरबाग, ठाकुरगंज, हजरतगंज और हसनगंज में डेढ़ सौ से अधिक लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
स्वामित्व की रिपोर्ट मिलने में देरी से आई दिक्कत
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक इस मामले में कुल 57 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया था। समय-सीमा खत्म होने के बावजूद आरोपितों ने जुर्माना नहीं जमा कराया। इस पर तहसील से वसूली के लिए आरसी जारी किया गया। प्रशासन ने 16 जुलाई का समय जब्त की गई संपत्तियों को नीलाम करने का रखा था। मगर कुछ संपत्तियों के स्वामित्व की रिपोर्ट नगर निगम और एलडीए की तरफ से मिलने में देरी हुई। इसके चलते यह अब तक लटकी थीं।
सभी की पृथक और संयुक्त देनदारी
दरअसल, प्रशासन ने सभी आरोपितों की पृथक और संयुक्त देनदारी निर्धारित की है। अगर किसी आरोपित के नाम कोई भी चल या अचल संपत्ति नहीं होगी तो फिर बाकी आरोपितों से उसके हिस्से की वसूली की जाएगी।
कहां कितने आरोपितों के मामले
- पूर्वी एडीएम कोर्ट : 28 उपद्रवी, वसूली लक्ष्य 64,376,37 रुपये।
- एडीएम पश्चिमी कोर्ट : 16 उपद्रवी, वसूली लक्ष्य 67,739,00 रुपये
- एडीएम टीजी : 13 उपद्रवी, वसूली लक्ष्य 21,760,00 रुपये
- आकाश श्रीवास्तव की रिपोर्ट