लखनऊ, आकाश श्रीवास्तव। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल ने लखनऊ के तीसरे विद्युत शवदाह गृह काम का मंगलवार को शुभारंभ किया। इसके चालू होने से कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार करने में मदद मिल सकेगी। अभी भैसाकुंड श्मशानघाट पर लगे दो विद्युत शवदाह गृह हैं लेकिन हर दिन 25 से 30 शव आने से दूर खड़े परिजनों को इंतजार करना पड़ता है। नए विद्युत शवदाह गृह के निर्माण पर डेढ़ करोड़ का खर्च आया है। नगर विकास मंत्री ने शुभारंभ कार्य के बाद चौक में चल रहे सुंदरीकरण कार्यों का भी निरीक्षण किया था। इस अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया, विधायक डा. नीरज बोरा, नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी भी शामिल थे। वैसे सामान्य दिनों में भी करीब दस शव विद्युत शवदाह गृह में आते थे। इसमे लावारिश शव अधिक होते हैं। यहां अंतिम संस्कार की नि:शुल्क व्यवस्था है।
लंबे समय से था इंतजार
महापौर कार्यकाल में उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने नगर निगम सदन से यह निर्णय कराया था कि गुल्लाला घाट में विद्युत शवदाह गृह लगाया जाएगा। उन्होंने जमीन का भी इंतजाम कराया था। अब गुल्लालाघाट पर विद्युत शवदाह गृह बन जाने से पुराने शहर से लोगों को अंतिम संस्कार के लिए भैसाकुंड नहीं आना पड़ेगा। डा. दिनेश शर्मा ने ही अपने महापौर कार्यकाल में विद्युत शवदाह गृह में नि:शुल्क अंतिम संस्कार का निर्णय लिया था।
पर्यावरण की भी रक्षा होगी
तीसरा विद्युत शवदाह गृह का उपयोग बढऩे से पर्यावरण की भी रक्षा हो सकेगी। लकड़ी की खपत कम होगी। लॉकडाउन के समय लकड़ी न मिल पाने के कारण भी लोगों को तीसरा विद्युत शवदाह गृह का ही उपयोग करना पड़ता था। हर दिन शहर के श्मशानघाटों पर बड़े पैमाने पर लकड़ी का उपयोग अंतिम संस्कार में होता है।