जिला प्रशासन व एलडीए की संयुक्त टीम ने बुधवार को सरोजनीनगर तहसील की सरसवां व सदर तहसील की मलेसे मऊ बार्डर पर गोमती नदी किनारे बिल्डर्स द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई बड़े पैमाने पर बेस कीमती जमीन पर कब्जा ले रहा है।लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अर्जन की हुई इस जमीन के संबंध में प्राधिकरण का तर्क है यह जमीन दो बिल्डर द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई है। जबकि उक्त जमीन मलेसे मऊ के अंतर्गत प्राधिकरण की अधिग्रहित भूमि है व वर्तमान समय में जमीन प्राधिकरण के नाम दर्ज है।इस जमीन पर लंबे समय से कुछ किसानों द्वारा जहां खेती की जा रही थी वहीं बिल्डर द्वारा इस बेस कीमती जमीन पर प्लॉटिंग व अपार्टमेंट बनाने की भी तैयारी की जा रही थी।
जमीन पर चल रही थी प्लॉटिंग
सरसवां में जिस जमीन पर लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा कब्जा लिया गया है उसमें जमीन के एक हिस्से पर प्लॉटिंग चल रही थी व इससे सटे हुए एक बड़े भू भाग पर बैरिकेटिंग की गई थी जिसे एसडीएम सदर प्रफुल्ल त्रिपाठी, एसडीएम सरोजनीनगर किंशुक श्रीवास्तव तहसीलदार सरोजनीनगर ज्ञानेन्द्र सिंह,तहसीलदार उमेश सिंह तहसीलदार एलडीए असलम सहित भारी फोर्स ने जमीन पर कब्जा कर की गई बैरिकेटिंग व प्लॉटिंग को हटाने की कार्यवाही शुरू किया।
90 एकड़ पर कब्जा ले रहा प्राधिकरण
गोमती नदी किनारे लखनऊ विकास प्राधिकण अपनी अधिग्रहीत 90 एकड़ जमीन पर पिलर गाड़ कर कब्जा लेने की कार्यवाही को शुरू कर दिया। एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी का कहना है कि पूरी जमीन की पैमाईश करा कर ही कार्यवाही की जा रही है जो जमीन लखनऊ विकास की अवैध कब्जा में थी उससे मौके पर कब्जा हटा कर जमीन पर पिलर गाड़ने की भी कार्यवाही की जा रही है। इस दौरान करीब 1500 करोड़ की जमीन खाली कराई जा रही है।
पूरे समय अधिकारियों से होती रही नोक झोंक
गोमती नदी किनारे बेस कीमती जमीन से कब्जा हटाने के दौरान बिल्डरों से लगातार मौके पर एसडीएम व एलडीए के अधिकारियों से नोक झोंक होती रही वहीं प्रशासन ने मौके पर कार्यवाही को जारी रखा।