लखनऊ विकास प्राधिकरण में 56 संपत्तियों में हुए फर्जीवाड़े के बाद 450 संपत्तियों की नई सूची सामने आई है। यह सूची जनवरी 2018 से जनवरी 2020 तक है। इस नई सूची में ऐसी संपत्तियों का ब्योरा संकलित किया गया है जो नगर निगम को हस्तांतरित हो चुकी हैं। वहीं एलडीए ने शासनादेश का पालन करते हुए 20 जनवरी 2018 के बाद फ्री होल्ड संपत्तियों का नामांतरण बंद कर दिया था। इसके बाद भी इतने बड़े पैमाने पर नामांतरण से मामले की जांच शुरू हो गई है।
इसमें देखा जा रहा है कि ऐसी कौन सी संपत्ती हैं जो लीज होल्ड पर थी, उनका नामांतरण किस आधार पर हुआ, क्या सेल डीड लगाकर हुआ या फिर संपत्ति के मालिक की मौत के बाद नामांतरण हुआ। एलडीए सचिव पंकज गंगवार ने चार सदस्यीय कमेटी से इसकी भी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण के कंप्यूटर में खेल बंद होने का नाम नहीं ले रहा है।
एलडीए सचिव पंकज गंगवार पहले ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए 56 संपत्तियों की जांच चार सदस्यीय टीम से करवा रहे हैं। उन्हाेंने यह मामला सामना आने के बाद दो साल का रिकार्ड निकलवाया था। सिस्टम इक्जीक्यूटिव द्वारा 450 संपत्तियों की सूची दी गई है। सूची के मुताबिक जो अधिकारी व बाबू जो योजना देख रहा है, वह अपनी फाइल निकालकर पूरा ब्योरा संबंधित अफसरों के समक्ष संपत्ती का रखेगा, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके। सूत्रों की माने तो इस लंबी चौड़ी लिस्ट में कई संपत्तियों की सूची ऐसी तैयार होगी, जो कंप्यूटर पर तो चढ़ी होगी, लेकिन एलडीए के रिकार्ड में उसकी कोई फाइल नहीं मिलने वाली।