लखनऊ, भारतीय समाज में बड़ी शिद्दत के साथ यह बात मानी जाती है कि जितनी लंबी चादर उतने लंबे पैर। आसान शब्दों में कहें तो अपनी क्षमता के अनुसार जिंदगी जीना। लेकिन क्या आपको एक आलीशान जिंदगी जीने की चाहत नहीं करनी चाहिए? क्या मिडिल क्लास के संस्कारों और कभी खत्म ना होने वाली इच्छाओं के बीच एक सही संतुलन बना पाना मुमकिन है? मध्यमवर्ग की इसी दुविधा, जिसमें समाज की ऊंच-नीच के कारण बहुत-से सपने कैद होकर रह जाते हैं, को बखूबी दर्शाता है सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो कामना – होगा ख्वाहिशों और उसूलों का आमना सामना। शो की शुरुआत के एक हफ्ते में ही जिंदगी की झलक दिखाता यह ड्रामा अपनी दिलचस्प कहानी के साथ दर्शकों का दिल जीत रहा है। यह शो दर्शकों को एक मध्यमवर्गीय दंपति – मानव और आकांक्षा के सफर पर ले जाता है, जिनकी सोच एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।
इस शो की दिलचस्प कहानी की झलक दिखाने के लिए एक्टर्स चांदनी शर्मा (आकांक्षा) और अभिषेक रावत (मानव) आज नवाबों के शहर लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने इस शो के कॉन्सेप्ट के बारे में बताया और इस शहर की समृद्ध संस्कृति का अनुभव किया। कॉकक्रो एंड शाइका एंटरटेनमेंट द्वारा प्रोड्यूस किए गए इस शो का प्रसारण हर सोमवार से शुक्रवार रात 8:30 बजे, सिर्फ सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर किया जा रहा है।
कामना, बाजपाई परिवार के इर्द-गिर्द घूमता है जो किसी भी अन्य मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार की तरह ही है। मानव एक ईमानदार सरकारी अधिकारी है और एक प्यार करने वाला पारिवारिक पुरुष है। वो अपने सिद्धांतों पर एक ईमानदार जिंदगी जीने में यकीन रखता है। दूसरी ओर, आकांक्षा एक समर्पित पत्नी और अपने बेटे यथार्थ का ख्याल रखने वाली एक मां है। लेकिन अपने नाम की तरह वो बड़े सपने और बड़ी हसरतें रखती है। वो अपनी मध्यमवर्गीय जिंदगी से आगे निकलकर ऐशो-आराम से जीना चाहती है।
मानव और आकांक्षा के इस सफर के जरिए ‘कामना – होगा ख्वाहिशों और उसूलों का आमना-सामना’ सभी को ये सोचने पर मजबूर कर देगा कि क्या पैसा खुशी खरीद सकता है? क्या प्यार एक खुशहाल जिंदगी जीने के लिए काफी है? क्या होगा जब आकांक्षा के अरमान, मानव के सिद्धांतों से टकराएंगे?
अभिषेक रावत – मानव के रोल में
“कामना एक ऐसा शो है जो हर दर्शक से जुड़ेगा, क्योंकि इसकी कहानी और इसके किरदार बड़े सच्चे हैं। यह एक आम आदमी की कहानी है और इसी वजह से मैं इस शो के प्रति आकर्षित हुआ। इस शो की खूबसूरती इसके किरदारों में है, जो अलग-अलग सोच रखते हैं लेकिन एक परिवार के रूप में वास्तविक स्थितियों का सामना करते हैं। मानव का किरदार निभाना बेहद खुशनुमा एहसास है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस शो के निर्माताओं ने मानव के किरदार को साकार करने के लिए मुझ पर विश्वास जताया। मुझे यकीन है कि दर्शक तुरंत इस किरदार से जुड़ जाएंगे। इस शहर में आकर मेरी ढेर सारी यादें ताजा हो गई क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी के सबसे बढ़िया दिन यहां गुजारे हैं। यह शहर मेरा घर है और अपने नए शो को प्रमोट करने के लिए यहां आकर मैं बेहद खुश हूं। मैं यहां अपने पसंदीदा व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकता।”
चांदनी शर्मा – आकांक्षा के रोल में
“यह मेरी खुशकिस्मती है कि मुझे एक ऐसा किरदार निभाने का मौका मिला, जो साफ बात करती है और पक्के इरादे रखती है। ये किरदार आज की पीढ़ी से जुड़ता है, जो सपने देखने की हिम्मत करती है, और ये मानती है कि एक आरामदायक जिंदगी जीने की चाहत रखने में कोई बुराई नहीं है। मैं अपने किरदार आकांक्षा की सोच को समझती हूं क्योंकि हम कई मामलों में एक जैसे हैं। आकांक्षा एक ऐसी महिला है जो बहुत-सी चीजें करना चाहती है, लेकिन अपने पति के मध्यमवर्गीय मूल्यों के चलते अक्सर पीछे हट जाती है। यह वास्तविक लोगों की कहानी है और मुझे यकीन है कि दर्शकों ने भी अपनी जिंदगी में कहीं ना कहीं इस तरह की उलझन का सामना किया होगा। मैं पहली बार लखनऊ आई हूं और मैं कहना चाहूंगी कि इस शहर के माहौल में बड़ा अपनापन है। मुझे उम्मीद है कि मैं यहां के रॉयल कैफे की मशहूर बास्केट चाट का लुत्फ उठाऊंगी और लखनवी चिकन कुर्तियों की शॉपिंग करूंगी।”
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