उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से विधायक अमन मणि त्रिपाठी ने नियम-कायदों को ताक पर रखा तो उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें सबक सिखा दिया। रविवार को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कार्य के लिए आए विधायक ने बगैर पास बदरीनाथ जाते हुए कई जिलों की पुलिस को अपने रुआब में लिया। लेकिन गोचर में उनकी नहीं चली तो वे बैरियर पर रोकने वाले पुलिस, प्रशासन के अफसरों से भिड़ गए।
अभद्रता करते हुए जबरन आगे बढ़े तो पुलिस ने कर्णप्रयाग में उन्हें रोक बैरंग लौटा दिया। बाद में मुनिकीरेती में उन्हें पकड़ लिया गया। राष्ट्रीय आपदा एक्ट और धारा 188 के तहत मुनिकीरेती थाने में विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बाद में निजी मुचलके पर छोड़ा गया।
इसी क्रम में आज सोमवार को विधायक की कार का चालान किया गया। इसके साथ ही उनका लाइसेंस भी जब्त कर लिया गया। अमनमणि महराजगंज जिला की नौतनवा विधानसभा से विधायक हैं।
अधिकारियों से उलझे, अभद्रता करने लगे
जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम विधायक अमन मणि त्रिपाठी तीन वाहनों में सवार अपने साथियों के साथ बदरीनाथ जा रहे थे। इस बीच गोचर में उन्हें बैरियर पर रोक लिया गया।
कर्णप्रयाग के थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि जब उनसे परमिशन के बारे में पूछा गया तो वह अधिकारियों से उलझ गए, अभद्रता करने लगे। जबरन कर्णप्रयाग की ओर जाने लगे तो अधिकारियों की सूचना पर कर्णप्रयाग में पुलिस ने इनके तीनों वाहनों को रोक लिया।
यहां भी वे पुलिस से उलझते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुन उन्हें बैरंग लौटा दिया। इस बीच एसडीएम वैभव गुप्ता और थाना प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा ने विधायक अमन मणि त्रिपाठी और उनके साथियों पर पुलिस, प्रशासन के साथ ही डॉक्टर के साथ भी अभद्रता का आरोप लगाया।
डीजीपी अशोक कुमार (क्राइम) के अनुसार विधायक अमन मणि को मुनिकीरेती क्षेत्र में पकड़ा गया। विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ धारा 188 और राष्ट्रीय आपदा एक्ट में मामला दर्ज किया गया। बाद में निजी मुचलने पर उन्हें व उनके साथियों को छोड़ा गया।