देशभर में कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे गिरा है मगर अभी भी राज्य सरकारें लॉकडाउन खोलने का जोखिम नहीं लेना चाहतीं। महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार को जहां पहले लॉकडाउन हटाने और फिर बाद में यू टर्न लेतेे हुए सरकार लॉकडाउन जारी रखने का निर्णय लिया, वहीं, कर्नाटक में 14 जून तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।
वहीं मुख्यमंत्री वीएस येदियुरप्पा ने 500 करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया है। इधर, पश्चिम बंगाल में सभी कर्मचारियों के टीकाकरण के बाद शाम 5 से 8 बजे तक रेस्टोरेंटों को खोलने की इजाजत दी गई है।
महाराष्ट्र में तीन दलों (शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी) की महाविकास आघाड़ी सरकार में लॉकडाउन को लेकर तालमेल नहीं बन पा रहा है। हालांकि बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता एवं राहत व पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने घोषणा की कि राज्य में पांच चरणों में लॉकडाउन हटाया जाएगा। पहले चरण में 18 जिलों को अनलॉक किया जाएगा।
उसके दो घंटे के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बयान जारी कर कहा कि अभी प्रतिबंध नहीं हटाया गया है। इससे महाविकास आघाड़ी सरकार में तालमेल का अभाव सामने आया है। वहीं, जनता में भ्रम की स्थिति बन गई। सीएमओ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य में लगाए गए प्रतिबंधों को नहीं हटाया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने बृहस्पतिवार शाम स्पष्ट किया कि राज्य में कोविड-19 संबंधी पाबंदी कहीं पर भी खत्म नहीं की गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में पाबंदियों में ढील देने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन इस बारे में अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
आपदा प्रबंधन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने अपनी घोषणा के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए बाद में कहा कि पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी गई है, लेकिन अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
इससे पहले, मंत्री ने संवाददाताओं से कहा था कि राज्य के 36 में से 18 ऐसे जिलों में अब पाबंदियों में ढील दी जाएगी जहां संक्रमण की दर पांच प्रतिशत अथवा उससे कम है और अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले 75 प्रतिशत बिस्तर खाली हों। मंत्री ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर यह घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी पर अब तक पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पाया जा सका है, इसलिए सरकार ने पाबंदियों में ढील देने का कोई फैसला नहीं लिया है। बयान में कहा गया, ‘राज्य के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है…राज्य में पाबंदी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।’ राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस साल अप्रैल के महीने में लगाए गए प्रतिबंध 15 जून तक लागू रहेंगे
सीएमओ ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ने संक्रमण की दर और ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की उपलब्धता के आधार पर महामारी की गंभीरता के पांच स्तर तय किए हैं। पाबंदियों में ढील देने का फैसला गंभीरता के स्तर पर लिया जाएगा, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी। आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी मौजूद थे। कांग्रेस नेता ने वडेट्टीवार ने कहा कि लॉकडाउन की पाबंदियों में फिलहाल ढील नहीं दी जा रही है, इसको लेकर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री ही करेंगे।