देश के 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित बाल देखभाल संस्थानों में अभी तक 721 बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि, इनमें से किसी की भी इस बीमारी के चलते मौत नहीं हुई है।यह जानकारी देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने एक आरटीआई के जवाब में दी डाटा में सामने आई है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बताया कि इस साल ऐसे बाल देखभाल संस्थानों में मौजूद 686 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। बता दें कि यह आरटीआई समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से दाखिल की गई थी। सवाल के जवाब में एनसीपीसीआर ने जो डाटा साझा किया है वह बताता है कि पिछले साल 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल उत्तर प्रदेश ही एक ऐसा राज्य था जहां बाल देखभाल संस्थानों में बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आए थे। उत्तर प्रदेश में यह संख्या 35 थी। वहीं, इस साल उत्तर प्रदेश के संस्थानों में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। डाटा के अनुसार बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले कोरोना वायरस संक्रमित किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि ऐसे संस्थानों में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले हरियाणा में सामने आए हैं। यहां यह संख्या 288 है। वहीं, हरियाणा के बाद तमिलनाडु (149) और बिहार (131) हैं। डाटा के अनुसार बाल देखभाल संस्थानों में मिलने वाले कोरोना वायरस संक्रमित बच्चों की संख्या मिजोरम में 46, कर्नाटक में 37, दिल्ली में 19, तेलंगाना में सात, गुजरात में छह और चंडीगढ़ में तीन है। वहीं, अंडमान निकोबार द्वीप समूह से बाल देखभाल संस्थानों में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। डाटा के अनुसार इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाल देखभाल संस्थानों की संख्या 857 है। जून में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों से ऐसे संस्थानों में कोविड संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए उचित तैयारियां करने को कहा था।