लगातार मांग के बाद आखिरी समय में गेहूं खरीद के मानक में छूट तो दी गई लेकिन उसी आधार पर मूल्य में कटौती का प्रावधान भी किया गया है। इससे किसानों को झटका लगा है। इसका नतीजा है कि यह योजना भी किसानों को नहीं लुभा पाई और अभी तक मात्र 35 फीसदी ही गेहूं की खरीद हुई है। जबकि, 30 जून तक ही खरीद होनी है।मानक के अनुसार गेहूं में सिकुड़न और टूटन छह प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। अन्यथा, उसकी खरीद नहीं होगी। इसके विपरीत बेमौसम बारिश और आलोवृष्टि की वजह से इस बार उपज काफी कमजोर हुई है। इसके मद्देनजर मानक में शिथिलता की लंबे समय से मांग की जा रही थी। ताकि, लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की खरीद की जा सके।आखिरी दिनों में सरकार की ओर से छूट की घोषणा की गई है। इसके तहत 12 प्रतिशत टूटन और सिकुड़न वाले गेहूं की खरीद होगी लेकिन मूल्य में कटौती भी की जाएगी। इसके अनुसार छह प्रतिशत तक सिकुड़न और टूटन पर कोई कटौती नहीं होगी लेकिन इससे ऊपर छह से आठ, आठ से 10 तथा 10 से 12 फीसदी सिकुड़न पर अलग-अलग दर से कटौती की जाएगी।अफसरों का कहना है कि यह व्यवस्था किसानों को रास नहीं आई और छूट की घोषणा के बावजूद गेहूं खरीद में अपेक्षित तेजी नहीं आई। विपणन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार तक लक्ष्य की तुलना में 35 प्रतिशत से भी कम गेहूं की खरीद हुई थी।
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