मंच पर उतरेगी जंगे आजादी के सरपरस्त की कहानी, बहादुरशाह जफर को शायराना श्रद्धांजलि अट्ठाइस को

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लखनऊ, प्रथम स्वाधीनता संग्राम के सरपरस्त और तलवार के साथ-साथ कलम की ताकत इस्तेमाल करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बहादुरशाह जफर की जिन्दगी को पेश करते संगीतमय उर्दू ड्रामा- ‘जफर- पैकर ए इंसानियत ओ मोहब्बत’ का मंचन 28 दिसम्बर की शाम अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेशन सेण्टर चैक में मंचित किया जाएगा। आसिफ रिजवी की परिकल्पना और प्रदीप श्रीवास्तव के लेखन-निर्देशन में अवध आर्ट गैलेक्सी और उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की इस पेशकश में बादशाह जफर के वंशज प्रिंस मिर्जा फैजुद्दीन बहादुरशाह जफर तृतीय मुख्य अतिथि और विषिश्ट अतिथि के तौर पर पूर्व मंत्री डा.अम्मार रिजवी उपस्थित रहेंगे।
‘न किसी की आंख का नूर हूं…..’ जैसी कई गजलें कहने वाले जफर भारतीय इतिहास के अकेले ऐसे बादशाह रहे हैं जो जितना राजनीति में रहे वैसे ही साहित्य जगत में भी मुब्तिला रहे हैं। उन्होंनेे कौमी यकजहती की मिसाल पेमंच पर उतरेगी जंगे आजादी के सरपरस्त की कहानी
बहादुरशाह जफर को शायराना श्रद्धांजलि अट्ठाइस को की। वे एक बादशाह ही नहीं, यर, अजीम इंसान, कौमी एकता के अलम्बरदार और जंगे आजादी के सरपरस्त थे। इस नाटिका में जगजीत सिंह के शागिर्द जयदेव और उस्ताद हयात हुसैन खां ने अपने संगीत के साथ उनके सुरों का हुनर भी देखने को मिलेगा। नाटिका के खास किरदारों गालिब, जौक, मोमिल, फ्ता, दाग व जहीर की भूमिका में अतहर नबी, गोपाल सिन्हा, हसन काजमी, अष्फाक, अमित और विशाल श्रीवास्तव मंच पर दिखाई देंगे।