मयूर पपेट की प्रस्तुति पर कार्यशाला पन्द्रह से, 20 दिन में युवा सीखेंगे कठपुतली बनाना व चलाना, प्रदर्शन 5 नवम्बर को बली हाॅल में

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लखनऊ, 9 अक्टूबर। लोककला कठपुतली को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कठपुतली प्रदर्शन कर चुकी राजधानी की सांस्कृतिक संस्था मयूर पपेट थियेटर 15 अक्टूबर से 20 दिन की प्रस्तुतिपरक कठपुतली कार्यशाला का आयोजन करेगी। शिविर में तैयार प्रस्तुति का प्रदर्शन पांच नवम्बर की शाम बली प्रेक्षागृह में होगा।
संस्था के प्रमुख व कार्यशाला प्रभारी प्रदीपनाथ त्रिपाठी ने बताया कि पुतुल कार्यशाला सोमवार 15 अक्टूबर से प्रति दिन सुबह साढ़े ग्यारह बजे से दोपहर बाद ढाई बजे तक कैसरबाग बली प्रेक्षागृह कला परिसर के गुलाबबाई कक्ष में चलेगी। कार्यशाला में बीस से 35 साल तक के इच्छुक युवक-युवतियां भाग ले सकते हैं। यहां उन्हें पहले राड पपेट या छड़ पपेट कठपुतली बनाना और फिर उनका संचालन सिखाया जायेगा। इस प्रस्तुतिपरक शिविर में अलादीन और लवकुश प्रस्तुतियां तैयार कराई जायेंगी। उन्होंन बताया कि कार्यशाला में अन्य विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। लोककला को रोजगार से जोड़ते हुए इच्छुक कलाकारों को प्रशिक्षण के बाद स्थानीय शो के लिए पांच सौ और अन्य शहरों में प्रदर्शन के लिए एक हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इच्छुक प्रतिभागी सादे कागज पर अपना नाम पता फोन नम्बर फोटो आदि जानकारी के साथ 14 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे गुलाबबाई कक्ष राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में साक्षात्कार के लिए उपस्थित हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मयूर पपेट फ्रांस, जर्मनी, स्पेन व डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों के साथ ही राष्ट्रीय पुतुल समारोह व देश के प्रमुख पपेट फेस्टिवल में गुलाबो-सिताबो, काबुलीवाला, द ग्रेट राजा मास्टर, ईदगाह, हिमझकोरा, नटखट मुर्गा, कबीर, रामायण कथा पर आधारित प्रस्तुतियों के अनगिनत प्रदर्शन कर चुका है। साथ ही कई प्रदर्शन शैक्षिक दूरदर्शन और दूरदर्शन के लिए कर चुका है।

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