रेरा के तहत उत्तर प्रदेश में काफी अच्छा काम हुआ है, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा। इससे हाउसिंग सेक्टर को एक गति मिली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शीघ्र ही मॉडल टेनेंसी एक्ट लाएगी।
रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-कॉमर्स रियल एस्टेट पोर्टल को लांच किया जाएगा। यहां सोमवार को रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि जिस रियल एस्टेट में विकास की अपार संभावनाएं है, उसके लिए 70 वर्षों में न तो कोई नियामक संस्था थी और न ही कानून।
पहली बार इस कानून को मोदी सरकार लाई। रेरा से पहले यह सेक्टर आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा था। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक वर्ष रेरा पर राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा। आने वाले समय में शहरीकरण एक बदले हुए स्वरूप में दिखेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यहां केंद्र की योजनाओं को काफी अच्छे से लागू कर रही है। करीब दो सौ किलोमीटर के मेट्रो रेल के प्रोजेक्ट भी केंद्र के पास विचाराधीन हैं।
उत्तर प्रदेश रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में आपसी सहयोग और भरोसे से ही इस उद्योग को बेहतर किया जा सकता है। रियल स्टेट उद्योग आम आदमी से जुड़ा एक महत्वपूर्ण सेक्टर है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि भारतीय सोच में जीवन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य घर बनाना है। कार्यक्रम के दौरान रेरा पर केंद्रित रिपोर्ट ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज बाय रेराज’ और ‘इम्पॉर्टेंट जजमेंट रिलेटेड टू रेरा’ और पुस्तक ‘द रियल एस्टेट एक्ट-2016’ का विमोचन भी किया गया।
2030 तक रियल एस्टेट क्षेत्र में 50 करोड़ को रोजगार
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में रियल एस्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नई टेक्नालॉजी से मकान बनाए जाएंगे। वर्तमान में रेरा में 46 हजार कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। सबके आवास का सपना साकार करने के लिए हर साल 900 वर्ग किमी में आवास बनाने की जरूरत होगी। वर्ष 2030 तक इस क्षेत्र में 50 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। यह क्षेत्र बेहतर तरीके से काम करते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करे रेरा का यही मकसद है।