इलाहाबाद। ट्रेनों की लेटलतीफी को खत्म करने के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल काफी गंभीर हैं। जितने भी उपाय किए जा सकते हैं, उस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। दिल्ली से हावड़ा रूट पर इलाहाबाद से लेकर मुगलसराय के बीच ट्रेनें ज्यादा विलंबित होती है। इस समस्या का समाधान इलाहाबाद से मुगलसराय के बीच तीसरी लाइन के रूप में देखा जा रहा है। अब रेल मंत्री ने निर्देश दिया है कि तीसरी लाइन के काम को प्राथमिकता से किया जाए, ताकि प्रोजेक्ट यथाशीघ्र पूरा हो। तीसरी लाइन बनाने में लगभग 24 सौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जल्द ही कार्यदायी संस्था का चयन किया जाएगा। उसके पश्चात प्रोजेक्ट के लिए धनराशि जारी कर दी जाएगी।
देश के व्यस्ततम रेल मार्ग दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की लेटलतीफी कम करने के लिए रेल मंत्रालय ने इलाहाबाद से मुगलसराय के बीच तीसरी लाइन को मंजूरी दे दी है। इससे जहां ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी, वहीं गाडिय़ों को संचालन बेहतर तरीके से हो सकेगा। तीन साल पहले रेलवे बोर्ड में यह प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन, वहां इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
इलाहाबाद से मुगलसराय के बीच तीसरी लाइन के लिए वर्ष 2007 में सर्वे हुआ था लेकिन, फिर इस पर ध्यान नहीं दिया गया। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद बात आगे बढ़ी। 2015 में प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया। इसी दौरान डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) का काम शुरू होने के बाद इलाहाबाद से मुगलसराय के बीच तीसरी लाइन की बात परवान नहीं चढ़ी। हालांकि पिछले एक साल से उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक एमसी चौहान यह मांग उठा रहे थे। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गौरव कृष्ण बंसल का कहना है कि गाजियाबाद से लेकर मुगलसराय रूट देश के सबसे व्यस्ततम मार्ग में एक है। ट्रेनों की संख्या बढऩे पर लगातार दबाव बढ़ रहा है, तीसरी लाइन बनने के बाद यह खत्म हो जाएगा।