देश के कई राज्यों में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वेरिएंट को लेकर यूपी में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
कोविड-19 की प्रदेश में स्थिति की समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शनिवार को आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अभी कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है लेकिन इसके बावजूद जरा सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। कोविड-19 के डेल्टा प्लस वेरिएंट के संक्रमण की तीव्रता पूर्व की अपेक्षा कहीं अधिक है। चिकित्सा विशेषज्ञों की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति द्वारा इससे बचाव के सम्बन्ध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार अन्य आयु वर्ग की अपेक्षा यह वेरिएंट बच्चों को कहीं अधिक प्रभावित कर सकता है। इसलिए चिकित्सा विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप अविलम्ब सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। लोगों को सही एवं तथ्यपरक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जनजागरूकता के प्रयास किये जाएं
रेल, बस तथा हवाई जहाज से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जाए। जनपदों में भी सैम्पल लिये जाएं। जांच परिणाम के अनुसार डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग करायी जानी चाहिए, इससे बचाव के प्रभावी प्रबन्ध सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू, लखनऊ तथा बीएचयू, वाराणसी में आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बैठक में बताया गया कि पिछले 24 घण्टों में कोरोना संक्रमण के 226 नये मामले सामने आये हैं। इसी अवधि में 320 संक्रमित लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये गये हैं। कुल एक्टिव केस की संख्या 3,500 से भी कम होकर 3,423 रह गई है। विगत 24 घण्टों में 02 लाख 69 हजार 272 कोविड जांच की गईं। अब तक प्रदेश में 05 करोड़ 65 लाख 40 हजार 503 कोविड टेस्ट किये जा चुके हैं। वर्तमान में संक्रमण की रिकवरी दर 98.5 प्रतिशत है।
योगी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। डबल मास्क, दो गज की दूरी, स्वच्छता और सेनेटाइजेशन जैसे कोविड बचाव सम्बन्धी व्यवहार को पूरी तरह अपनाना होगा। भीड़-भाड़ से बचना होगा। बैठक में अवगत कराया गया कि सीरो सवेर्ं के प्रारम्भिक परिणाम के अच्छे संकेत मिले हैं। शुरूआती नतीजों के मुताबिक सवेर्क्षण में लोगों में हाई लेवल एन्टीबॉडीकी पुष्टि हुई है। एक जुलाई, 2021 से प्रत्येक दिन कम से कम 10 लाख कोरोना वैक्सीन डोज देने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाए। इस सम्बन्ध में शासन द्वारा कार्ययोजना निर्धारित की गई है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के लिए विकास खण्ड तथा शहरी क्षेत्र में शहरी निकाय को इकाई के रूप में चयनित करते हुए इन इकाइयों को क्लस्टर में विभाजित कर टीकाकरण किया जाएगा। वर्तमान में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक तिहाई विकास खण्ड को क्लस्टर में बांटकर ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन किया जा रहा है। इस नीति के उत्साहजनक नतीजे मिल रहे हैं। उन्होंने आगामी माह से क्लस्टर आधारित टीकाकरण कार्यवाही पूरे प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिए।
मरीज का उपचार करना चिकित्सक का प्राथमिक एवं प्रमुख दायित्व है। इसी सेवा के लिए चिकित्सक अध्ययन और प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। अन्य कायोर्ं में उनकी तैनाती चिकित्सकों को उनके मूल कर्तव्य से विमुख करती है। इसके दृष्टिगत उन्होंने निदेर्िशत किया कि विशेष पदों को छोड़कर चिकित्सालय प्रशासन एवं प्रबन्धन कायोर्ं में चिकित्सकों की तैनाती अपरिहार्य स्थिति में ही की जाए। चिकित्सालय प्रशासन एवं प्रबन्धन के कायोर्ं के लिये मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन अथवा हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एमबीए उपाधिधारक युवाओं को अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार किये जाने के निदेर्श दिए। बैठक में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि जनपद में टीकाकरण की रफ्तार में तेजी लाए जाने के लिए जल्द ही बृहद अभियान चलाया जाएगा, अभियान की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस अभियान में जनपद की सभी 48 कॉलोनी, कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, होटल एंव रेस्टोरेंट, व्यापार संगठन सहित विभिन्न स्वयंसेवी संगठन, एनजीओ को शामिल किया गया है जहां रोस्टर के अनुसार टीकाकरण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद में समस्त निगरानी समितियों को भी लक्ष्य आवंटित किया गया है, इसके अतिरिक्त कोटेदार को भी टीकाकरण में तेजी लाए जाने के लिए शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि यह अभियान 15 जुलाई तक बृहद रूप से चलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा सके।