अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव ‘आई.सी.एफ.एफ.-2018’ का तीसरा दिन
फिल्म प्रोड्यूसर आशीष सिंह, टी.वी. कलाकार अनिरुद्ध दवे एवं बाल कलाकार नमन जैन व सुहानी भटनागर ने बढ़ाई समारोह की रौनक
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में चल रहे दसवें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों से पधारे लगभग 12,000 छात्रों की गहमा-गहमी व चहल-पहल से परिपूर्ण रहा एवं सभी ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का खूब आनन्द उठाया। इससे पहले आई.सी.एफ.एफ.-2018 के तीसरे दिन का शुभारम्भ मुख्य अतिथि हृदय नारायण दीक्षित, प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने दीप प्रज्वलित कर किया जबकि दूसरी ओर बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु पधारे फिल्म प्रोड्यूसर एवं यशराज फिल्म्स के वाइस-प्रेसीडेन्ट आशीष सिंह, टी.वी. कलाकार अनिरुद्ध दवे एवं बाल कलाकार नमन जैन व सुहानी भटनागर ने समारोह की भव्यता में चार-चाँद लगा दिये। टी.वी. एवं फिल्म जगत की इन लोकप्रिय हस्तियों से मिलने, उनसे बातचीत करने व हाथ मिलाने के लिए छात्रों में होड़ लगी रही। विदित हो कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव का आयोजन 5 से 13 अप्रैल तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भावी पीढ़ी का चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास करना है।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि हृदय नारायण दीक्षित, प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नैतिक मूल्यों व चारित्रिक गुणों का भरपूर प्रचार-प्रसार होना चाहिए। ऐसे आदर्श आयोजनों की समाज को बहुत आवश्यकता है क्योंकि इससे समाजिक व्यवस्था के उत्तरोत्तर विकास को गति मिलती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव में दिखाई जा रही शिक्षाप्रद एवं प्रेरणादायी फिल्में युवा पीढ़ी के नैतिक एवं चारित्रिक गुणों को बढ़ाने और एक अच्छा नागरिक बनाने में निःसंदेह उपयोगी साबित होंगी।
‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के अन्तर्गत हजारों बच्चों ने आज माई लिटिल ब्रदर, द स्पिरिट आॅफ गाॅड, गुलदस्ता, लेट्स गो टु प्ले, पैसेन्जर, पछतावा, ये कैसा जहान, हेड्स नाॅट डेड, द लास्ट इण्डियन, द सेवन क्वालिटीज, द पाटर्स व्हील, स्विमिंग इन द डेजर्ट, आॅन द वे टू स्कूल, ए टीचर्स लेसन, अनोखा पिटारा, द गोल्ड चेन, फ्लाइट टू द हर्ट, गुडबाय ग्रैण्डपा, बड़े काम की चीज, बेटा आदि अनेकों मनोरंजन से भरपूर उत्कृष्ट फिल्मों का आनन्द उठाया। फिल्म देखने के बाद अधिकांश छात्रों की प्रतिक्रिया थी कि विद्यालय में नैतिक शिक्षा के पीरियड को तो हम हंसी में उड़ा देते हैं लेकिन इस प्रकार मनोरंजन के माध्यम से छात्रों को जीवन मूल्यों का ज्ञान देने का यह तरीका अत्यन्त प्रशंसनीय है। एक अन्य छात्र ने कहा कि यह अनुभव लम्बी परीक्षाओं के बाद सबसे अच्छा मौका लगा। ऐसे शिक्षात्मक मनोरंजन के लिए अभिभावकों को भी कोई एतराज नहीं हो सकता तभी तो उनके मम्मी-पापा भी उनके साथ फिल्म देखने आये हैं। कुछ ऐसे ही विचार अन्य बच्चों के भी रहे जिन्होंने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल अत्यन्त मनोरंजक व शिक्षाप्रद है। फिल्म से उन्होंने सीखा कि हमें प्रकृति व सभी जीव-जंतुओ से प्यार करना चाहिए।
बाल फिल्मोत्सव में शैक्षिक बाल फिल्मों का आनन्द उठाने पधारे छात्रों में यूनिटी कालेज, जागरण पब्लिक स्कूल, लेडी फातिमा चिल्ड्रेन एकेडमी, सी.पी. कान्वेन्ट स्कूल, सूर्योदय पब्लिक इण्टर कालेज, न्यू अवध पब्लिक स्कूल, ममता मार्डन इण्टर कालेज, न्यू महर्षि विद्या मंदिर, बाल कल्याण एकेडमी, राज कुमार एकेडमी, निर्मला पैरामाउन्ट स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर आदि विभिन्न स्कूलों के छात्र शामिल थे।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के अन्तर्गत आज अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में फिल्म जगत के लोकप्रिय कलाकार पत्रकारों से रूबरू हुए और इस आयोजन पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए फिल्म प्रोड्यूसर एवं यशराज फिल्म्स के वाइस-प्रेसीडेन्ट आशीष सिंह ने कहा कि सी.एम.एस. का यह अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल छात्रों व युवा पीढ़ी को शिक्षाप्रद फिल्मों के माध्यम से अच्छाई की राह पर बढ़ने की प्रेरणा तो दे ही रहा है, साथ ही साथ युवा पीढ़ी विभिन्न देशों की संस्कृतियों एवं वहां के आचार-विचार से भी परिचित हो रही है। टी.वी. कलाकार अनिरुद्ध दवे ने कहा कि शिक्षात्मक फिल्में बालकों के कोमल मस्तिष्क पर सकारात्मक व गहरा प्रभाव डालेंगी और उनमें महान बनने के विचार पैदा करेंगी। इसी प्रकार बाल कलाकार नमन जैन एवं सुहानी भटनागर ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि इस आयोजन ने सामाजिक जागरूकता की अमिट छाप छोड़ी है।
इस अवसर पर प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि बाल फिल्मों का यह महोत्सव सिर्फ लखनऊ के ही नहीं अपितु प्रदेश व देश के बच्चों को भी नैतिकता व चारित्रिक उत्थान का पाठ पढ़ा रहा है। आगे बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। बच्चों के लिए तालीम और अच्छी तालीम बहुत जरूरी है, यही बच्चे आगे चलकर हमारे लीडर बनेंगे, ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दिये जाएं। छोटी-छोटी बातें भी बच्चों के दिमाग पर बहुत असर डालती हैं और निश्चित ही शिक्षात्मक बाल फिल्मों का यह महोत्सव बच्चों की मानसिकता को अच्छे अच्छे विचारों से लबालब करेगा।
प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर वर्गीस कुरियन ने कहा कि यदि हमें भावी पीढ़ी के लिए सभ्य व खुशहाल समाज का निर्माण करना है तो फिल्म व अन्य दृश्य श्रव्य माध्यमों द्वारा जीवन मूल्यों से लबालब संदेश भावी पीढ़ी तक पहुचाना ही होगा। इस फिल्म महोत्सव के अत्यन्त सफल आयोजन से सी.एम.एस. ने यह सिद्ध कर दिया है कि फिल्में भी बड़े पैमाने पर भावी पीढ़ी की मानसिकता को बदलने की क्षमता रखती हैं। श्री कुरियन ने बताया कि आई.सी.एफ.एफ.-2018 के चैथे दिन के उद्घाटन कल 8 अप्रैल, रविवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में होगा। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे जबकि फिल्म जगत से जुड़े कलाकार नमन जैन, सुहानी भटनागर, रिया शुक्ला एवं गजाला सेल्मिन बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु उपस्थित रहेंगे।