नाराजगी, तालमेल की कमी के बीच महामहिम की योगी कैबिनेट संग चाय पर चर्चा

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राज्यपाल संग राज्य के सभी मंत्रियों की मीटिंग को सामान्य नहीं माना जा रहा है। वैसे तो अमूमन गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल की तरफ से मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को डिनर पर बुलाया जाता रहा है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जिनके कार्यप्रणाली का चर्चित मॉडल दूसरे राज्यों में भी अपनाए जाने की बात अब होने लगी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भी अपने सूबे में जरूरत पड़ने पर योगी मॉडल अपनाए जाने की बात कही है। लेकिन योगी सरकार को लेकर बीते दिनों खबर ये आई कि उनकी कैबिनेट में ऑल इज नॉट वेरी वेल। राज्यमंत्री दिनेश खटीक और जितिन प्रसाद की नाराजगी की खबर, नौकरशाही को लेकर बढ़ रहे असंतोष व तालमेल की खबर भी समय-समय पर सामने आने लगी। तमाम अटकलों के बीच यूपी की पूरी कैबिनेट ने बीते दिनों राजभवन जाकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की है। वैसे तो इस बैठक को लेकर कोई जानकारी आधिकारिक रूप से राजभवन या राज्य सरकार की ओर से सामने नहीं आई है। लेकिन अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि योगी सरकार के सभी मंत्रियों ने आनंदीबेन पटेल को अपने काम और विभागों व आगे की योजनाओं के बारे में जानकारी दी है।
राज्यपाल संग राज्य के सभी मंत्रियों की मीटिंग को सामान्य नहीं माना जा रहा है। वैसे तो अमूमन गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल की तरफ से मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को डिनर पर बुलाया जाता रहा है। लेकिन हाल के दिनों में योगी सरकार में हुए तबादलों को लेकर उठे सवाल और मंत्रियों के असंतोष की खबरों के मद्देनजर इस मीटिंग के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। आनंदी बेन पटेल की चाय पर चर्चा के दौरान सीएम के साथ 18 कैबिनेट मंत्री, 22 राज्य मंत्री व 12 स्वतंत्र प्रभार मंत्री पहुंचे थे। इस दौरान सरकार के 100 दिनों के कार्यों को लेकर चर्चा हुई। कहा जा रहा है कि मंत्रियों ने अपे 100 दिनों के कार्यों का लेखा-जोखा
राज्यपाल को शेयर किया। वहीं आगे के छह महीने के कामों की रूप रेखा भी बताई।
बता दें कि योगी सरकार में मंत्रियों के भीतर उपजे असंतोष की बात दिल्ली दरबार तक पहुंची। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व और पीएम मोदी एक्शन मोड में आए। सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार के इशारे पर ही राज्यपाल ने मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों को एक मंच पर बुलाया। जिससे सभी मंत्रियों के बीच आपसी तालमेल बन सके और उन्हें गुजरात मॉडल की तर्ज पर एकजुट होकर काम करने की सलाह भी दी गई।

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