मोदी सरकार-1 में रक्षा मंत्रालय संभाल चुकीं निर्मला सीतारमण मोदी सरकार-2 में बतौर वित्त मंत्री शुक्रवार को बजट पेश करेंगी। यह एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा। बताया जा रहा है कि बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है।राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से टैक्स लगाया जा सकता है। नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। 2019-20 के अंतरिम बजट में पांच लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गई थी।
वर्तमान टैक्स दर
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत,
5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत
10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स दर है
विश्व स्तर पर आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच यह बजट आ रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा।
आर्थिक विकास के लिए ढीले किए जा सकते हैं नियम
संसद में गुरुवार को पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2024-25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये सतत रूप से 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत होगी। इसमें निजी क्षेत्र का निवेश, मांग और निर्यात बढ़ाने पर खास जोर दिया गया है।
आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त मंत्री निवेश आकर्षित करने के इरादे से नियमों को उदार बनाने के प्रस्ताव कर सकती हैं। सरकार के समक्ष एक तरफ राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की जरूरत होगी तो दूसरी तरफ चुनावों में जनता से किये गये वादों को पूरा करने की दिशा में पहल करनी होगी।