पुलिस महकमे के नोडल अफसरों में कोरोना का खौफ है। इस वजह से वे बैठकों से परहेज कर रहे हैं। तीन आईपीएस अफसरों ने तो निजी कारणों का हवाला देते हुए जिलों में जाने से फिलहाल मना कर दिया है। ये अगले हफ्ते आवंटित जिलों में जाएंगे।जब प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उस समय पुलिस महकमे के नोडल अफसरों को जिलों को समीक्षा करने के लिए भेज दिया गया है। हालांकि पुलिस मुख्यालय के अफसरों का कहना है कि नोडल अफसरों को ऑफिस वर्क दिया गया है। उन्हें जनता से संपर्क नहीं करना है। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क और ग्लब्स पहनकर फील्ड में जाना है। सिर्फ जरूरी लोगों से ही मुलाकात करनी है।
ज्यादातर नोडल अफसरों की उम्र 50 से अधिक
जिलों में भेजे गए नोडल अफसरों में डीजी रैंक के 12 अफसरों की उम्र 55 साल से अधिक है। एडीजी रैंक के सभी 36 अफसर 50 साल से अधिक उम्र के हैं। आईजी और डीआईजी रैंक के भी कुछ अफसरों की उम्र 50 साल से अधिक है। पुलिस मुख्यालय में अब आधे स्टाफ से होगा काम पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में कोरोनो का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पहले जीआरपी, फिर एंटी करप्शन और अब पीएचक्यू में कोरोना की आमद से खौफ का माहौल है। मुख्यालय में तैनात दो आईपीएस और एक पीपीएस अधिकारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसे देखते हुए मुख्यालय की विभिन्न शाखाओं में आधे स्टाफ को ही ऑफिस आने को कहा गया है। पुलिस मुख्यालय के 7वें और 8वें तल पर अब तक 6 पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। एंटी करप्शन मुख्यालय में भी दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसमें से एक की मौत हो गई थी। जीआरपी में भी एडीजी रेलवे के पूर्व स्टाफ ऑफिसर का ड्राइवर कोरोना पॉजिटिव मिला था। इसके बाद दो दिन के लिए उसे बंद कर दिया गया था। पूरे प्रदेश की बात करें तो अब तक चार आईपीएस अधिकारी कोरोना संक्रमित हुए हैं। इनमें प्रयागराज के पूर्व एसएसपी भी हैं, जिन्हें कोरोना रिपोर्ट आने के बाद प्रतीक्षारत कर दिया गया था। इसके अलावा वाराणसी में तैनात एक आईपीएस अधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया गया है। लखनऊ में जिन दो आईपीएस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उसमें से एक आईजी रैंक और दूसरे एसपी रैंक के हैं।