कानपुर। शहर में रविवार रात पनकी पावर प्लांट प्रांगण में 400 केवी पनकी ट्रांसमिशन ग्रिड स्टेशन के 240 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर में आग लगने से काफी नुकसान हुआ है। सोमवार सुबह यहां वैकल्पिक संसाधनों से शहर की बिजली व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इस अग्निकांड से करीब 10 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है।
आग के कारण 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन को 33 केवी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन पर डाइवर्ट कर सिस्टम को सुधारने की कोशिश की गई है। यह दीर्घकालिक व्यवस्था नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक यह टिकाऊ नहीं है, जब तक नया ट्रांसफार्मर नहीं लगेगा छोटे फाल्ट पर भी शहर की बिजली व्यवस्था लडख़ड़ाती रहेगी। इस ट्रांसफार्मर को गिनी-चुनी कंपनियां ही बनाती हैं। इनमें भी भेल झांसी के साथ पंजाब और मध्य प्रदेश की निजी कंपनियां शामिल हैं। इतना बड़ा ट्रांसफार्मर तुरंत तैयार नहीं मिलता इससे भी दिक्कतें आ रही हैं। पारेषण विंग ट्रांसफार्मर खोजने में लगी है उनका कहना है कि शीघ्र ही इसे स्थापित कर और उर्जीकृत किया जाएगा।
गौरतलब है कि कल पनकी पावर प्लांट के परिसर में बने 400 केवी पनकी ट्रांसमिशन ग्रिड स्टेशन के 240 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर में आग लगने से आधा कानपुर अंधेरे में डूब गया। आग का असर ट्रांसमिशन लाइन पर भी पड़ा। 220 केवी आजाद नगर और 132 केवी दादा नगर ट्रांसमिशन स्टेशन से पोषित सभी इलाकों में अंधेरा छा गया।
इस आग से पनकी कल्याणपुर सचेंडी बर्रा विजयनगर, आइआइटी, मंधना समेत कई हिस्से जहरीली गैस से जूझ रहे थे। सुबह तक इन क्षेत्रों में कुछ राहत मिली है। आग के बाद निकलने वाली ब्लैक कार्बन और मैटेलिक पार्टिकल्स वायुमंडल से छट चुके हैं।
आग लगने की सूचना पर पहुंची पर अग्निशमन की दमकल करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा सकी। केस्को के पनकी 400 केवी ट्रांसमिशन स्टेशन में रविवार जंफर तेज धमाके से टूट गया। इससे वहां लगे 240 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर में आग लग गई। इस आग लगने से शहर के आधे हिस्से की बिजली सप्लाई को आननफानन बंद कर दिया गया। अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग बुझने के बाद कारणों की जांच कर रहे हैं। जंफर टूटने से आग लगने के कारणों की जांच में यह बिंदु भी शामिल किया जा रहा है कि कहीं पावर ट्रांसफार्मर से ऑयल तो लीक नहीं हो रहा था।