नई दिल्ली, । नए कृषि कानूनों के विरोध में सड़क से संसद तक जारी संग्राम के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखी। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस पर करारा हमला बोला। साथी ही देशवासियों से आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों में फर्क करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने नए कृषि कानूनों के लाभ भी गिनाए। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में 18वीं सदी की सोच नहीं चल सकती। मौजूदा वक्त में कृषि को आधुनिक बनाना जरूरी है। बाजार के मुताबिक कृषि क्षेत्र में उत्पादन हो इसके लिए प्रयास करने ही होंगे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा है कि कृषि कानून ऐच्छिक है, न कि बाध्यकारी।
किसानों का आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं किसान भाइयों के आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं। भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो देश ने देखा कि क्या होता है? मैं पूछना चाहता हूं कि आंदोलन में आतंकियों और नक्सलियों के रिहाई की मांग क्यों की जा रही है।