सारांश
नई दिल्ली. टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स के एसएल3 क्लास सेमीफाइनल में प्रमोद भगत ने जापान को फुजिहारा को 2-0 से हराया.
विवरण
नई दिल्ली. टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स के एसएल3 क्लास सेमीफाइनल में प्रमोद भगत ने जापान को फुजिहारा को 2-0 से हराया. प्रमोद भगत ने सेमीफाइनल मुकाबला 21-11, 21-16 से जीता. अब तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैंडमिटन में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा नहीं कर सका है. प्रमोद के पास भारत की तरफ से बैडमिंटन में पहला गोल्ड जीतने का मौका है. फाइनल में पहुंचते ही प्रमोद भगत ने भारत का 14वां पदक पक्का कर दिया है. भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में अब तक दो गोल्ड, छह सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल जीता है. बैडमिंटन में लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने कांस्य, रियो 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर और टोक्यो 2020 में सिंधु ने कांस्य पदक जीता था. फाइनल में पहुंचते ही प्रमोद ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन में मेडल जीतने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. बता दें कि टोक्यो पैरालंपिक में ही पहली बार बैडमिंटन के खेल को शामिल किया गया है. भारत बैडमिंटन में प्रमोद के पदक के अलावा 4 और मेडल जीत सकता है. प्रमोद भगत और उनकी जोड़ीदार पलक कोहली ने शुक्रवार को बैडमिंटन मिक्स्ड डबल्स इवेंट के सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया है. वहीं सिंगल्स में सुहास यथिराज, तरूण ढिल्लों और मनोज सरकार ने भी अंतिम चार में जगह बनायी. फाइनल में पहुंचते ही इन सभी खिलाड़ियों का पदक सुनिश्चित हो जाएगा.
दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी प्रमोद भगत के लिए यह साल बेहतरीन रहा है. उन्होंने अप्रैल में दुबई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते थे. भगत ने कोरोना महामारी के कारण एक साल के ब्रेक के बाद वापसी की थी. उन्होंने सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा मनोज सरकार के साथ मिलकर एसएल4-एसएल3 वर्ग में मिक्स्ड डबल्स का स्वर्ण पदक भी जीता था. भगत बचपन में ही पोलियो का शिकार हो गए थे. वह एसएल 3 में खेलते हैं. एसएल क्लासिफिकेशन में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिन्हें खड़े होने में दिक्कत हो या निचले पैर का विकार हो.