शशिभूषण बालिका विद्यालय डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल डा अंजुम इस्लाम को 34 वर्ष बाद अपने विद्यार्थी जीवन की मेहनत का फल मिला। शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय ने उन्हें चार गोल्ड मेडल से अलंकृत किया। इस खुशी को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि तब से अब तक तमाम उपलब्धियां हासिल कीं, पर जहां से हमने पढ़ाई की, उस संस्थान से सम्मानित होने की खुशी खास होती है। डा अंजुम इस्लाम ने 1987 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए (अंग्रेजी) में टॉप किया था। उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्हें सिर्फ प्रमाणपत्र दिया गया। मगर बीते वर्ष लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के आयोजन के दौरान उन्हें मालूम चला कि विवि पूर्व में अपने विभाग के मेधावी रहे विद्यार्थियों को भी पदक देगा। इसके बाद उन्होंने लविवि प्रशासन से संपर्क किया। विवि द्वारा उनके शैक्षिक दस्तावेजों की जांच की गई। जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एमए (अंग्रेजी) की विभागाध्यक्ष प्रो रानू उन्याल ने डॉ अंजुम को फोन कर बताया कि उन्हें चार स्वर्ण पदक दिए जा रहे। उन्हें विवि प्रशासन द्वारा आमंत्रित कर स्वर्ण पदक से नवाजा गया। डा अंजुम ने कहा कि गोल्ड मेडल देर से मिले, पर उत्साह में कोई कमी नहीं है। हर साल दीक्षांत समारोह होते देखते तो मेडल पाने की इच्छा और बलवती हो जाती थी। मेडल को हाथ में लेकर अपने विद्यार्थी जीवन की मेहनत की स्मृतियां ताजा हो गईं। उस समय हेड ऑफ डिपार्टमेंट रहे प्रो डीडी शर्मा और तमाम शिक्षकों के कारण ही मैं शिक्षा जगत में कुछ बेहतर कर पाई।
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