पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ राजधानी पुलिस ने एक और आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया है। इस बार गोमती नगर विस्तार थाने में दर्ज जालसाजी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर पर कार्यवाही की गई है। गायत्री पर पूर्व परिचित ने संगीन आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इससे पहले गौतमपल्ली थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में पूर्व मंत्री के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था। गायत्री वर्तमान में जेल में बंद हैं।
ये है मामला
गोमती नगर के खरगापुर में रहने वाले ब्रिज भवन चौबे पूर्व मंत्री की निजी कंपनी में निदेशक थे। ब्रिज भवन पूर्व मंत्री के बेहद करीबी थे। ब्रिज भवन ने गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली चित्रकूट निवासी महिला, गायत्री प्रजापति व उनके बेटे अनिल के खिलाफ 16 सितंबर को एफआइआर दर्ज कराई थी। ब्रिज भवन का आरोप था कि अनिल प्रजापति ने उनसे कह कर मुकेश नाम के व्यक्ति की संपत्ति पूर्व मंत्री पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के नाम दर्ज करवाई थी। खास बात यह है कि ब्रिज भवन ने पूर्व मंत्री पर अलग-अलग लोगों के नाम से बेनामी संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया था।
ईडी भी कर रही मामले की जांच
करोड़ों की बेनामी संपत्ति के खरीद-फरोख्त का मामला सामने आने के बाद ईडी ने ब्रिज भवन से पूछताछ की थी। बृज भवन ने ईडी को कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी सौंपे थे। ईडी के अधिकारियों ने लगातार दो दिन ब्रिज भवन से पूर्व मंत्री की बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी ली थी। फिलहाल ईडी मामले की जांच कर रही है।
विवेचना के बाद सामने आएंगे अन्य आरोपितों के नाम
गोमती नगर विस्तार पुलिस ने आरोप पत्र में सिर्फ पूर्व मंत्री का जिक्र किया है। आरोप पत्र में गायत्री पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला, अनिल प्रजापति व अन्य का नाम अभी नहीं खोला गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विवेचना प्रचलित है। साक्ष्यों के आधार पर अन्य आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी। अभी इस मामले में कई लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। गौरतलब है कि गाजीपुर थाने में भी पूर्व मंत्री के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी, जिसकी विवेचना इंस्पेक्टर सरोजनी नगर कर रहे हैं।