मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम इस दिशा की तरफ आगे बढ़ चुके हैं। न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। इस कमेटी की दो बैठकें हो चुकी है। इसी बीच उन्होंने खटीमा से मिली हार के सवाल का भी जवाब दिया। पुष्कर सिंह धामी सरकार समान नागरिक संहिता को लेकर प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, सैनिकों का प्रदेश है। प्रत्येक परिवार से कोई-न-कोई सेना में काम करता है। ऐसे में हमने चुनाव से पहले ही हमने प्रदेशवासियों के समक्ष संकल्प रखा था कि हमारी नई सरकार के गठन के बाद हम सबसे पहले समान नागरिक संहिता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लेंगे।उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर कमेटी अपना काम करना शुरू कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों से कमेटी बात करेगी, जनसंवाद भी करेगी और इसके आधार पर कमेटी ड्राफ्ट बनाएगी। जिसे सरकार लागू करेगी। हम एक निश्चित समय सीमा के भीतर उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे।
इसी बीच मुस्लिमों को निशाना बनाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि यह आरोप वो लोग लगा रहे हैं जिन्होंने हमेशा तुष्टिकरण किया है। हम तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सबका साथ, सबका विकास के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण, अवैध गतिविधियों से हम किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करने वाले हैं और न ही किसी दबाव में आने वाले हैं।
खटीमा से चुनाव हारने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले खटीमा से मैं विधानसभा का सदस्य बना। खटीमा से मेरा कोई हार-जीत का रिश्ता नहीं है। उन्होंने जो भी जनादेश दिया, उसे मैंने स्वीकार किया। उन्होंने मेरी शुरुआत कराई, मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद कहना चाहता हूं। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और चंपावत की जनता को भी धन्यवाद कहा।
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