उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की प्रधान सम्पादक डाॅ अमिता दुबे के कहानी संग्रह “सम्भावना के जुगनू”का लोकार्पण एवं चर्चित उपन्यास “एकांतवासी शत्रुघ्न”पर विस्तार से चर्चा हुई। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ डी एस शुक्ला नेकहा-‘यह उपन्यास रामकथा के उपेक्षित पात्र शत्रुघ्न के जीवन चरित्र को पाठकों के सामने लाता है।” सुषमा गुप्ता ने उपन्यास के कथानक को रोचक और नई उद्भावनाओं से युक्त बताया,वहीं प्रसिद्ध साहित्यकार शारदा लाल ने कथा सूत्र को पारम्परिक शैली के अनुरूप बताया।
वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र भीष्म ने उपन्यास के संवाद की प्रशंसा करते हुए इसे पठनीय और नई पीढी़ के लिए महत्वपूर्ण बताया। सुप्रसिद्ध साहित्यकार मनीष शुक्ल ने अमिता दुबे की कहानियों को अपनी ही लगने वाली बताते हुए उनके उपन्यास को राम कथा की नई उपलब्धि बताया जिसमें अल्पख्यात पात्र शत्रुघ्न के जीवन को उजागर किया गया है। अलका प्रमोद ने कहानी संग्रह सम्भावना के जुगनू की सभी 12कहानियों को अलग -अलग विषय पर केन्द्रित बताते हुए कहा कि जहां ये कहानियां समाप्त होती हैं वहीं से नई शुरुवात होती है।
कृतिकार अमिता दुबे ने कहा-मेरी कहानियां मेरी अनुभूति का प्रतिविम्ब हैं।एकांतवासी शत्रुघ्न में मेरा भी एकांतवास समाहित है,इसे कोरोना काल की उपलब्धि कहा जा सकता है।
इस अवसर पर नगर के अनेक साहित्यकार उपस्थित रहे।