लखनऊ में तीन दिवसीय उत्सव ‘कोशल लिटरेचर फेस्टिवल’ (केएलएफ अवध) का आयोजन हो रहा है, जिसमें नामचीन लेखकों, इतिहासकारों, पत्रकारों, कहानीकारों और कलाकारों का जमावड़ा होगा। इस प्रथम संस्करण की थीम है- ‘सेलिब्रेटिंग अवध!’
‘केएलएफ अवध’ के सलाहकार बोर्ड में पद्म श्री पुष्पेश पंत (संरक्षक), अंशु खन्ना (सलाहकार), अमिताभ सिंह बघेल (संस्थापक-महोत्सव निदेशक), प्रशांत कुमार सिंह (केएलएफ के संस्थापक और प्रेरणा) और शरद बिंदल (संस्थापक और निदेशक) शामिल हैं।
यह महोत्सव लखनऊ की युवा प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक विशेष मंच प्रदान करके उन्हें प्रोत्साहित भी करेगा।
‘केएलएफ अवध’ के प्रथम संस्करण में आरिफ मोहम्मद खान की उपस्थिति होगी, जो 4 नवंबर को मुख्य भाषण देंगे।
महोत्सव स्थल में तीन मंच होंगे, जिन पर तीन भाषाओं- हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी के साहित्यकार हमारे साथ वक्ता के रूप में प्रतिभाग करेंगे। इस आयोजन में तीन फेस्टिवल डायरेक्टर शिरकत करेंगे- कोलकाता, बेंगलुरु और लखनऊ से सनतकदा के डायरेक्टर।
तीन मंचों पर तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव के आकर्षण की बात की जाए तो यह बताना जरा मुश्किल होगा, क्योंकि यह पूरा महोत्सव ही अपने आप में एक आकर्षण है। इसका प्रत्येक सत्र खास है जो कला, साहित्य और संस्कृति प्रेमियों को अद्वितीय रचनाशीलता से रूबरू कराएगा।
शेड्यूल के मुताबिक, 4 नवंबर को प्रातः 11 बजे गंगा लॉन में दीप प्रज्ज्वलन से महोत्सव का आरम्भ होगा। उसके बाद ‘केएलएफ अवध’ के सलाहकार पुष्पेश पंत का सम्बोधन। फिर उद्घाटन भाषण के साथ हम अमिताभ सिंह बघेल के साथ होंगे। तत्पश्चात आरिफ मोहम्मद खान का मुख्य वक्तव्य होगा।
स्वागत कार्यक्रम के बाद महोत्सव की गतिविधियाँ शुरू हो जाएंगी, जिसमें पुस्तकों का विमोचन होगा। पाँच सत्र में विभाजित इस अनुभाग में ‘बिसरा चूल्हा बिसरे स्वाद’ पर हम उर्मिला सिंह को मुख्य अतिथि से रूबरू होते हुए देखेंगे। विद्या शाह और यतीन्द्र मिश्र, बेगम अख़्तर और उनकी ग़ज़ल गायिकी पर आधारित ‘अख़्तरी: हमरी अटरिया पे आओ’ पर चर्चा करते नज़र आएंगे। मनीष तिवारी के साथ रोहित गाँधी ‘इंडिया इन द चेंजिंग वर्ल्ड’ पर बात करेंगे। ‘सागा ऑफ भारत: मैजीसियन्स ऑफ माज़दा’ पर अश्विन सांघी और शरद बिंदल की वार्ता होगी।
महोत्सव के दूसरे दिन गंगा लॉन में 6 सत्र आयोजित होंगे। प्रथम सत्र में विक्रम संपत की किताब ‘ब्रेवहार्ट्स ऑफ भारत’ पर लेखक से अमिताभ सिंह बघेल की वार्ता; द्वितीय सत्र में हिंदी की प्रख्यात कथाकार गौरा पंत शिवानी की जन्मशती के परिप्रेक्ष्य में ‘शिवानी की दुनिया’ पर पुष्पेश पंत, प्रत्यक्षा सिन्हा और प्रीति चौधरी की वार्ता; तृतीय सत्र में ‘इंसाटिएबल: माय हंगर फॉर लाइफ’ पर शोभा डे के साथ अंशु खन्ना की वार्ता, ‘मिथ ऑफ माइथोलोजी’ पर आनंद नीलकंटन, अश्विन सांघी और मालविका बैनर्जी की वार्ता; ‘नेमिषारण्य के कहानीकारों’ की बात करेंगे देवदत्त पटनायक पाँचवें सत्र में; फ़िल्मकार तिग्मांशु धूलिया और प्रशांत कुमार की ‘फिल्मी बकैती’ हम देखेंगे छठें सत्र में।
दूसरे दिन ही संत गाडगे प्रेक्षागृह के जो आकर्षण होंगे, उनमें फ़िल्मकार मुजफ्फर अली और मालिनी अवस्थी को हम यतीन्द्र मिश्र के साथ ‘जश्न-ए-अवध’ पर गुफ्तगू करते हुए देखेंगे। हिंडोल सेन गुप्ता और ज्योति देवान के साथ हम गायन, नृत्य और प्रार्थना की दुनिया में चलेंगे। प्रगतिशील लेखक आंदोलन पर रक्षन्दा जलील और अमिताभ सिंह बघेल की वार्ता तथा ‘ज़िक्र: इन द लाइट एंड शेड ऑफ टाइम’ पुस्तक का विमोचन मुजफ्फर अली और जयंत कृष्णा के साथ होंगे। शाम ‘दास्तान-ए-साहिर’ के साथ रोशन होगी, जिसके सूत्रधार होंगे हिमांशु बाजपेयी और प्रज्ञा शर्मा।
तीसरे दिन गंगा लॉन में ही 6 सत्र रहेंगे। इस दौरान ‘गरुण पुराण: डेथ एंड चॉइसेज ऑफ लाइफ’ पर शरद बिंदल के साथ देवदत्त पटनायक करेंगे चर्चा; कार्लाइल मैकफारलैंड, माधवी कुकरेजा, जफर मीर और जयंत कृष्णा की वार्ता ‘लखनऊ के रोमांस’ पर रहेगी केंद्रित; जायकेदार सत्र ‘अवध के लोक व्यंजन’ लेकर आएंगे पुष्पेश पंत, उर्मिला सिंह और नीतू सिंह; अंत में हम मिलेंगे अवध को सेलिब्रेट करते हुए मालिनी अवस्थी से।
संत गाडगे प्रेक्षागृह में समापन दिवस पर ‘अवधी अक़्स’ के आलोक में अखिलेश, हिमांशु बाजपेयी और प्रीति चौधरी की बातचीत होगी। शरद बिंदल की पुस्तक ‘क्लैश ऑफ सिंगुलरिटी’ पर लेखक से साक्षात्कार करेंगी मालविका बैनर्जी। ‘कथा की बोली’ और ‘मन तरंग’ लेकर हाजिर होंगे वीरेंद्र सारंग, संतोष वाल्मीकि, प्रत्यक्षा और केना श्री। समापन संध्या में ‘मालिनी अवस्थी लाइव’ भी एक आकर्षण रहेगा।
इन कार्यक्रमों के अलावा संगीत नाटक अकादमी के यमुना लॉन में तीनों दिन हमें विविध कार्यक्रम देखने को मिलेंगे, जिसमें विभिन्न एज ग्रुप के बच्चे प्रतिभाग करेंगे। ये कार्यक्रम ‘ओपेन माइक’ श्रेणी के तहत रहेंगे। इन कार्यक्रमों में स्टैंड अप कॉमेडी, स्टोरी टेलिंग वर्कशॉप, हिंदी-उर्दू-अंग्रेजी में कविताओं का सत्र चलेगा।
इस महोत्सव में कहने-सुनने को बहुत सी और अच्छी कहानियाँ हैं। यह महोत्सव कई नवीन पहलों के साथ साहित्य, कला और संस्कृति की विरासत को और नजदीक से और सलीके के साथ समझने, बरतने का अवसर देता है।